फेलो को एआईसीटीई प्रतिमाह 75,000 रुपये का योगदान देगा, उद्योग न्यूनतम 25,000 रुपये देंगे

– शैक्षणिक वर्ष 2025-26 में 350 संकाय सदस्यों को प्रशिक्षण, 20 जून से 15 जुलाई तक होंगे आवेदन

नई दिल्ली, 17 जून । शिक्षा और उद्योग जगत के बीच की खाई को पाटने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने एआईसीटीई इंडस्ट्री फेलोशिप प्रोग्राम शुरू किया है। इसके माध्यम से देशभर के तकनीकी संस्थानों के चयनित संकाय सदस्यों को अग्रणी उद्योगों के साथ काम करने का अवसर मिलेगा। एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने मंगलवार को योजना को लांच किया।

एआईसीटीई के वर्ष 2047 तक विकसित भारत के विजन के हिस्से के रूप में फेलोशिप को शुरू में बतौर पायलट प्रोजेक्ट लागू किया जाएगा जिसमें शैक्षणिक वर्ष 2025-26 में 350 संकाय सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। आने वाले वर्षों में इसे सालाना 1,500 फेलोशिप तक बढ़ाने का लक्ष्य है। यह अनूठी फेलोशिप सभी हितधारकों, संकाय, शैक्षणिक संस्थानों, उद्योग भागीदारों और छात्रों के लिए फायदेमंद है। संकाय सदस्यों को उद्योग का व्यावहारिक अनुभव, वर्तमान तकनीकों के बारे में बेहतर जानकारी और वास्तविक समय में समस्या-समाधान में प्रत्यक्ष भागीदारी प्राप्त होगी। वहीं, उद्योग जगत को प्रशिक्षित शिक्षकों के बौद्धिक इनपुट से लाभ होगा और सहयोग के माध्यम से भविष्य के लिए तैयार कार्यबल की पाइपलाइन तैयार होगी।

इस दौरान एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने कहा कि इस कार्यक्रम को उद्योग और शिक्षा जगत के बीच के अंतर को पाटने के लिए तैयार किया गया है। यह एक सामूहिक प्रयास है जो सभी हितधारकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। संकाय सदस्यों को उद्योग का मूल्यवान अनुभव प्राप्त होगा जिससे वे अपने करियर में उन्नति कर सकेंगे। जबकि उद्योग जगत तकनीकी शिक्षा को आकार देने में अपनी सक्रिय भूमिका निभा सकेंगे। उन्होंने कहा कि परिसरों तक सीमित रहने से इस तरह के सहयोग विकसित नहीं हो सकते हैं। हमारे संकाय को आगे बढ़कर उद्योग में जाना होगा, उनसे जुड़कर सीखना होगा ताकि वे क्लासरूम टीचिंग के अनुभव में सकारात्मक बदलाव ला सकें। इससे हमारे छात्रों को भी बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।

इस योजना के तहत, एआईसीटीई प्रत्येक फेलो को प्रतिमाह 75,000 रुपये का योगदान देगा, जबकि भाग लेने वाले उद्योग न्यूनतम 25,000 रुपये देंगे। इसके अलावा फेलो को अपना नियमित संस्थागत वेतन भी मिलता रहेगा, जिससे 6 से 12 महीने की अवधि के दौरान उन्हें कोई वित्तीय नुकसान भी नहीं होगा। कम से कम पांच साल के अनुभव और अकादमिक उत्कृष्टता के रिकॉर्ड वाले संकाय सदस्य इस कार्यक्रम के लिए पात्र होंगे। उन्हें एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, अंतरिक्ष, स्थिरता, मेड-टेक, खाद्य प्रसंस्करण आदि क्षेत्रों में रखा जा सकता है। कार्यक्रम 1 अगस्त से शुरू होगा और आवेदन 20 जून से 15 जुलाई तक केंद्रीकृत पोर्टल के माध्यम से स्वीकार किए जाएंगे।