
नई दिल्ली, 19 मार्च । पैरालिम्पिक कमिटी ऑफ इंडिया ने बुधवार को जर्मन कंपनी ओटोबॉक हेल्थकेयर के साथ एक रणनीतिक समझौता किया। नई दिल्ली के नेहरू स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में भारत में दिव्यांग खेलों को बढ़ावा देने के लिए समझौता किया गया। इस भागीदारी के तहत ओटोबॉक भारतीय खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय प्रोस्थेटिक समाधान, विशेष प्रशिक्षण और आफ्टर-केयर सेवाएं प्रदान करेगा। कंपनी प्रत्येक खिलाड़ी की जरूरत के अनुसार उच्च-गुणवत्ता वाले प्रोस्थेटिक और ऑर्थोटिक उपकरण उपलब्ध कराएगी। साथ ही एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरिए कोच और प्रोस्थेटिस्ट को भी उन्नत तकनीकों की जानकारी दी जाएगी ताकि प्रोस्थेटिक फिटमेंट और खिलाड़ियों के प्रदर्शन को और बेहतर बनाया जा सके।
इस पहल के तहत पीसीआई और ओटोबॉक द्वारा संयुक्त रूप से खिलाड़ियों की खोज और उनके कौशल के विकास पर जोर दिया जाएगा। पीसीआई स्क्रीनिंग इवेंट्स और ओटोबॉक क्लीनिकों के माध्यम से युवा दिव्यांग खिलाड़ियों को प्रोस्थेटिक समाधान उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे उनकी गतिशीलता और प्रदर्शन में सुधार होगा। इसके अलावा, ओटोबॉक प्रमुख पैरा-स्पोर्ट आयोजनों में मुफ्त डिवाइस मरम्मत सेवा भी प्रदान करेगा, जिसमें ऑन-साइट प्रोस्थेटिक, ऑर्थोटिक और व्हीलचेयर रिपेयर सेवाएं शामिल होंगी। दो बार के पैरालिम्पिक स्वर्ण पदक विजेता हैनरिक पोपो 10 पैरा-एथलेटिक कोच और 5 प्रोस्थेटिस्ट को खेल प्रोस्थेसिस की उन्नत तकनीकों का प्रशिक्षण देंगे, जिससे भारतीय खिलाड़ियों को दीर्घकालिक सहयोग मिल सके।
पैरालिम्पिक कमिटी ऑफ इंडिया के सीईओ राहुल स्वामी ने इस साझेदारी पर कहा, “यह गठजोड़ भारत में दिव्यांग खेलों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। ओटोबॉक के साथ मिलकर हम ऐसी संरचना तैयार कर रहे हैं, जिससे जमीनी स्तर पर नई प्रतिभाओं को खोजकर उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार किया जा सके। ओटोबॉक हेल्थकेयर इंडिया के प्रबंध निदेशक मैट्स फ्रैंक ने कहा, “हम तकनीकी उत्कृष्टता और मानवीय क्षमता को साथ लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारे अत्याधुनिक प्रोस्थेटिक समाधान बायोमैकेनिकल नवाचार और एथलीटों के प्रदर्शन को नई ऊंचाई देने का बेहतरीन उदाहरण हैं। पीसीआई के साथ यह साझेदारी हमारे लिए रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे हमारा लक्ष्य पूरे भारत में दिव्यांग खिलाड़ियों तक अपने नवाचार को पहुंचाना है।”————