कोलकाता, 25 अक्टूबर । “‘जय श्री राम’ कहना क्या अब इस राज्य में अपराध माना जा रहा है? क्या रात आठ बजे के बाद महिलाओं का बाहर निकलना अपराध है?” भाजपा नेत्री अग्निमित्रा पाल ने यह सवाल उठाया है।

शनिवार को जारी एक बयान में उन्होंने लिखा, “क्या हिंदू परंपरा के अनुसार हमारे त्योहार और धार्मिक अनुष्ठान मनाना अब अपराध हो गया है? क्या किसी विशेष समुदाय को खुश करने के लिए इस राज्य के हिंदू समाज से उनके विश्वास और सांस्कृतिक पहचान को स्वतंत्र रूप से व्यक्त करने का अधिकार छीन लिया जा रहा है?”

अग्निमित्रा पाल ने आरोप लगाया कि राजारहाट में ‘आमरा कजन’ क्लब द्वारा आयोजित काली पूजा विसर्जन शोभायात्रा के दौरान पुलिस ने संगठन के सदस्यों को ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने पर पीटा। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह न्याय है? क्या पुलिस अब केवल किसी विशेष समुदाय की सेवा करने का औजार बन चुकी है? क्या इस राज्य के हिंदुओं को उनके धर्म का स्वतंत्र रूप से पालन करने के संवैधानिक अधिकार से वंचित किया जा रहा है?

भाजपा नेत्री ने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल आज ऐसी अस्थिर स्थिति का सामना कर रहा है, जहां प्रशासन ‘जय श्री राम’ बोलने या सुनने को भी अपराध मानता है। क्या यही लोकतंत्र है? क्या यही ‘मुक्त बंगाल’ का वादा था, जहां धार्मिक स्वतंत्रता को संवैधानिक अधिकार के रूप में सुनिश्चित किया गया था?

उन्होंने स्पष्ट कहा कि ‘जय श्री राम’ कहना या सुनना कोई अपराध नहीं, बल्कि यह हमारे गौरव, विश्वास और पहचान का प्रतीक है। कोई भी सरकार भय, बल प्रयोग या अधिकारों के हनन के जरिए हिंदू समाज को दबा नहीं सकती। हम प्रत्येक हिंदू की धार्मिक स्वतंत्रता, गरिमा और अधिकारों की रक्षा के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। जय श्री राम!”