मुंबई, 27 मई । पुणे हिट एंड रन मामले में येरवड़ा पुलिस स्टेशन के अधिकारियों और ससून अस्पताल के डॉक्टरों का नाम आने से विपक्ष आक्रामक हो गया है। विपक्ष ने इस मामले में उपमुख्यमंत्री अजित पवार और मेडिकल शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ का इस्तीफा मांगा है।

सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार पर सोमवार को पुणे हिट एंड रन के आरोपितों को बचाने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। उन्होंने अजीत पवार के मोबाइल की काल डिटेल रिपोर्ट की जांच करने की भी मांग की है। साथ ही अंजली दमानिया ने इस मामले में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को तत्काल अजीत पवार को मंत्रिमंडल से बाहर करने की मांग की है। दमानिया ने कहा कि सीएम शिंदे और डिप्टी सीएम फडणवीस को तत्काल यह पता लगाना चाहिए कि अजीत पवार ने इस मामले में पुणे पुलिस को फोन किया था या नहीं। इसके साथ ही अजीत पवार के साथी विधायकों के फोन की भी जांच की जानी चाहिए।

इसी तरह आज कांग्रेस विधायक रवींद्र घंगेकर, पुणे कांग्रेस जिला अध्यक्ष मोहन जोशी और शिवसेना (यूबीटी) नेता सुषमा अंधारे ने इस घटना का तीव्र निषेध व्यक्त किया है। इन नेताओं ने कहा कि इससे पहले ससून अस्पताल से एक कुख्यात ड्रग तस्कर फरार हो गया था। अब इस अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा ब्लड रिपोर्ट में हेरफेर करने का मामला प्रकाश में आया है। इस अस्पताल में डॉ. अजय टावरे पिछले 12 साल से लगातार कार्यरत हैं। उनका तबादला किया गया था, जिसे रोकने का प्रयास अजीत पवार के विधायक ने पत्र लिख कर किया था और हसन मुश्रीफ ने तबादला रोक दिया था। इसी वजह से इस मामले में अब हसन मुश्रीफ को इस्तीफा देना चाहिए। साथ ही आज इन तीनों नेताओं ने पुणे एक्साइज विभाग के आयुक्त चरणजीत राजपूत से मुलाकात की और पुणे में चल रहे अवैध पब और बार पर कार्रवाई की मांग की है।

इन आरोपों के बाद अजीत पवार ने कहा कि मैं कभी किसी को बचाने के लिए फोन नहीं करता। इसके उलट मैं पुलिस को मामले की छानबीन का आदेश देता हूं। इस मामले में भी पुलिस को किसी के दबाव में नहीं आना चाहिए। मामले की गहन छानबीन कर सच्चाई आम जनता के सामने लाना चाहिए। इस मामले की भी छानबीन पुलिस कर रही है। बहुत जल्द इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी आम जनता के सामने आ जाएगा।