हुगली, 5 जुलाई । पश्चिम बंगाल के लंबे समय से अटकी तारकेश्वर-बिष्णुपुर रेल परियोजना को आखिरकार नई गति मिल गई है। शनिवार को स्थानीय सूत्रों ने बताया कि राज्य प्रशासन, रेलवे और भावादिघी आंदोलनकारियों के बीच एक त्रिपक्षीय बैठक के बाद भावादिघी इलाके के 600 मीटर हिस्से में रेलवे ब्रिज के निर्माण कार्य की शुरुआत हो गई है। शुक्रवार सुबह ही ब्रिज निर्माण के लिए मिट्टी की जांच शुरू कर दी गई।

रेलवे सूत्रों ने बताया कि 82.47 किलोमीटर लंबे तारकेश्वर-बिष्णुपुर रेल परियोजना में केवल यही 600 मीटर का हिस्सा बाकी था, जिस कारण पूरी रेल लाइन जुड़ नहीं पा रही थी। भावादिघी की जमीन को लेकर बार-बार विवाद और आंदोलन के कारण परियोजना वर्षों से अटकी पड़ी थी। मार्च में इस मामले पर कोलकाता हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद वार्ता का रास्ता खुला।

रेलवे अब भावादिघी के ऊपर पुल बनाकर रेल लाइन बिछाने के लिए सहमत हो गया है। इस निर्णय से परियोजना के पूर्ण होने का रास्ता साफ हुआ है।

इस परियोजना के अन्य हिस्सों में काम लगभग पूरा हो चुका है। तरकेश्वर से गोघाट तक रेल सेवा शुरू हो चुकी है, वहीं बिष्णुपुर से जयरामबाटी तक सीआरएस की मंजूरी भी मिल गई है। कामारपुकुर से जयरामबाटी के बीच लाइन बिछाने का कार्य तेजी से जारी है, और कामारपुकुर स्टेशन का निर्माण भी पूरा कर लिया गया है।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, तारकेश्वर-बिष्णुपुर लाइन पूरी तरह चालू होने पर हावड़ा से बांकुड़ा और पुरुलिया की दूरी में काफी कमी आएगी, जिससे आम लोगों को यात्रा में बड़ी सहूलियत मिलेगी।