कोलकाता, 8 मई। पहलगाम में भारतीय सेना पर हुए जघन्य आतंकी हमले का भारत ने करारा जवाब दिया है। हमले के 15 दिन के भीतर ही भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को मिसाइल हमले में ध्वस्त कर दिया। इस जवाबी कार्रवाई के बाद उत्तर बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था और भी कड़ी कर दी गई है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अब पहले से ज्यादा सतर्कता बरत रहा है और जवानों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है।

उत्तर बंगाल की 936 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा बांग्लादेश के अलावा नेपाल और भूटान से भी लगती हैं। इन इलाकों में पहले से ही सुरक्षा बढ़ाई गई थी, लेकिन अब हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इंडो-नेपाल सीमा के पास एसएसबी की तैनाती में भी इजाफा हुआ है, खासकर पानीटंकी और ‘चिकेन नेक’ जैसे संवेदनशील इलाकों में।

कूचबिहार जिले में करीब 157 किलोमीटर लंबी सीमा बांग्लादेश से लगती है, जिसमें लगभग 40 किलोमीटर क्षेत्र में अब भी कंटीले तार नहीं लगे हैं। इन इलाकों में बीएसएफ की गश्त और जवानों की संख्या को दोगुना कर दिया गया है। जलपाईगुड़ी जिले के फुलबाड़ी सीमा क्षेत्र में भी चौकसी तेज कर दी गई है।

उत्तर दिनाजपुर जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा की लंबाई करीब 227 किलोमीटर है। चोपड़ा ब्लॉक के लक्ष्मीपुर, घिरनिगांव, दासपाड़ा और हफ्तियागंज पंचायतों के साथ-साथ गोआलपोखर-1 ब्लॉक के साहापुर-1 पंचायत में श्रीपुर सीमा और फुलबाड़ी बीओपी जैसे इलाके भी निगरानी में हैं। करनदिघी और रायगंज ब्लॉक की सीमाओं पर भी जवानों की तैनाती बढ़ाई गई है।

इन सीमावर्ती इलाकों में हजारों भारतीय नागरिक रहते हैं। सीमा पार भारतीय भूभाग में लगभग 30 हजार बीघा कृषि भूमि है, जहां के किसान रोजाना सीमा गेट पार करके खेती करने जाते हैं। बीएसएफ ने अब इन आवाजाही पर भी सख्ती बढ़ा दी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि खेती के लिए पार जाने की प्रक्रिया अब ज्यादा जांच के बाद ही संभव हो पा रही है।

भारत की जवाबी सैन्य कार्रवाई के बाद बांग्लादेश सीमा पर भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में दोनों ओर से निगरानी तेज कर दी गई है ताकि किसी भी तरह की घुसपैठ या आपत्तिजनक गतिविधि को समय रहते रोका जा सके।