
भरतपुर, 8 जून । राजस्थान के भरतपुर जिले के पीलूपुरा स्थित कारवारी शहीद स्मारक पर रविवार को हुई गुर्जर महापंचायत के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए। महापंचायत समाप्त होने के बाद समाज के लोगों ने दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर पहुंच कर प्रदर्शन किया और कोटा-मथुरा पैसेंजर ट्रेन को रोक दिया। यह ट्रैक महापंचायत स्थल से महज डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर है, जिसे पूर्व में भी आंदोलनों के दौरान जाम किया जा चुका है।
इससे पहले गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा आयोजित महापंचायत में समाज की विभिन्न मांगों पर सरकार की ओर से एक ड्राफ्ट भेजा गया था। समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने ड्राफ्ट को महापंचायत में पढ़कर सुनाया। इसके बाद सहमति बनने पर पंचायत को समाप्त कर दिया गया। समाज की ओर से सरकार को दोपहर तक का अल्टीमेटम दिया गया था। महापंचायत समाप्त होने के कुछ देर बाद बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर पहुंच कर कोटा-मथुरा पैसेंजर (54794) को रोक दिया। कोटा मंडल के सीनियर डीसीएम सौरभ जैन ने बताया कि पुलिस समझाने की कोशिश कर रही है, जल्द ही ट्रैक को खाली करा लिया जाएगा। इधर, सवाई माधोपुर जंक्शन के स्टेशन प्रबंधक लोकेंद्र कुमार मीणा के अनुसार कोटा से चलकर दिल्ली जाने वाली ट्रेनों को सवाईमाधोपुर रोकने के आदेश जारी किए हैं।
उत्तर प्रदेश के सपा विधायक अतुल प्रधान ने मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान और दिल्ली की सरकारें आपकी आवाज सुन रही हैं। आपके पास कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की विरासत में विजय बैंसला हैं और राजेश पायलट की विरासत में सचिन पायलट। सामाजिक संगठन के पास दबाव नहीं होता, वह समाज की बात निर्भीकता से कह सकता है। सरकारों ने जो वादे किए, उन्हें पूरा करे।
इससे पहले गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि जब सरकार बातचीत के लिए टेबल पर तैयार है, तो आंदोलन की जरूरत क्यों? कुछ लोग सरकार के खिलाफ बोलने पर आमादा हैं। हमारी अपील है कि संघर्ष समिति बातचीत के लिए प्रतिनिधियों के नाम दे, जिससे समाधान निकल सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री समाज के मुद्दों को लेकर संवेदनशील हैं और किसी भी मुद्दे पर बातचीत के लिए सरकार तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय हुए 2020 के समझौते का पालन नहीं हुआ, लेकिन अब नई सरकार के सामने मुद्दे उठाना समिति का दायित्व है।
महापंचायत के मद्देनजर प्रशासन ने ट्रैफिक व्यवस्था में परिवर्तन किया था। बयाना-हिंडौन स्टेट हाईवे के पीलूपुरा मार्ग को बंद कर, वाहनों को कलसाड़ा होते हुए करौली और महवा की ओर डायवर्ट किया गया। वहीं, करौली से भरतपुर की ओर जाने वाले यातायात को हिंडौन-कलसाड़ा-भुसावर मार्ग से निकाला गया।