प्रशासन सतर्क

पूर्वी सिंहभूम, 29 अक्टूबर ।  मोंथा चक्रवात के संभावित प्रभाव को देखते हुए पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है।

बुधवार को समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक आयोजित की गई, जिसमें आगामी 2 से 3 दिनों तक तेज हवा और भारी बारिश की संभावना को ध्यान में रखते हुए व्यापक तैयारी पर चर्चा हुई।

बैठक में उपायुक्त ने सभी नगर निकाय, प्रखंड और अंचल के क्षेत्रीय पदाधिकारियों को एक नवंबर तक पूर्ण अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में जानमाल की क्षति नहीं होनी चाहिए। इसके लिए सभी अधिकारी सुरक्षात्मक कदमों की पूर्व तैयारी सुनिश्चित करें।

उपायुक्त ने कहा कि जर्जर सरकारी भवनों, स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों की पहचान कर उन्हें तुरंत सील किया जाए ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो।

साथ ही, जरूरत पड़ने पर आश्रय गृहों को सक्रिय करने और फूड सप्लायर को स्टैंडबाई पर रखने का निर्देश दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि यदि तेज हवा या बारिश के कारण किसी नागरिक के घर को क्षति पहुंचती है या फसलों की बर्बादी होती है, तो तत्काल रिपोर्ट तैयार कर उचित मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया शुरू की जाए।

उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि सोशल मीडिया, माइकिंग और अन्य माध्यमों से नागरिकों को चक्रवात के प्रति जागरूक किया जाए। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए तथा अतिरिक्त एंबुलेंस को ऑन कॉल रखा जाए ताकि आपात स्थिति में इलाज में देरी न हो।

उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने यह भी कहा कि घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता प्रभावी है और पूरे जिले में राजनीतिक गतिविधियां नियमन के तहत हैं।

ऐसे में यदि कोई राजनीतिक दल या कार्यकर्ता प्राकृतिक आपदा की स्थिति में सहयोग करना चाहते हैं, तो वह जिला प्रशासन के माध्यम से ही सहयोग पहुंचाएं।

उन्होंने बिजली विभाग को पेड़, जर्जर पोल और झूलते तारों की तत्काल मरम्मती कराने का निर्देश दिया। सभी प्रखंडों में स्थानीय स्तर पर कमांड सेंटर स्थापित करने, गोताखोरों, रस्सी, लाइफ जैकेट और अन्य आवश्यक उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया।

बैठक में संबंधित अधिकारी मौजूद थे।