जगदलपुर, 21 नवम्बर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले का अबूझमाड़ क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जिसे पूर्ण रूप से आज तक भी नहीं बूझा जा सका है, किंतु इस क्षेत्र के कुछ लोगों के कारण अबूझमाड़ भारत ही नहीं वरन पूरी दुनिया में मशहूर हो गया।
पिछले दिनों एक टीवी शो, इंडियाज गॉट टैलेंट 10 के शो में अबूझमाड़ मल्लखंभ अकादमी के बच्चों और युवाओं ने भाग लेते हुए अपनी कला का लोहा मनवा लिया और अबूझमाड़ को एक नई पहचान दी। अब ये बच्चे अमेरिका में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने वाले हैं।
नारायणपुर के अबूझमाड़ को सबसे पहले पहचान 1960 के दशक में चेंदरू के कारण मिली। नारायणपुर का चेंदरू मंडावी अपने अद्भुत शौर्य का परिचय देते हुए भारत ही नहीं वरन पूरी दुनिया में बस्तर का नाम रोशन किया। आदिवासी अंचल के 10 वर्षीय बालक चेंदरू मंडावी ने विदेशी फिल्म में वह अनूठा कारनामा कर दिखाया जो आज तक किसी ने नहीं किया। 1955 में प्रारंभ हुई स्वीडिश फिल्म द जंगल सागा में बतौर मुख्य भूमिका निभाने वाला अंतरराष्ट्रीय फिल्म का नायक चेंदरू, बाघों और तेंदुओं के बीच रहता हुआ दिखा गया और उसने फिल्म में मानव और वन्य प्राणियों के बीच रहकर मानवता का परिचय दिया। फिल्म निर्माण में लगभग दो वर्ष का समय लगा। फिल्म पहली बार स्वीडन में 26 दिसंबर 1957 में दिखाई गई। वर्ष 1958 में कांस फिल्म फेस्टिवल में भी इसे प्रदर्शित किया गया था।
यहां के मल्लखंभ के खिलाड़ी अब अमेरिका जाने वाले हैं।
कोच मनोज प्रसाद ने बताया कि खिलाड़ी अब अमरीका गॉट टैलेंट में जलवा दिखाने तैयार हैं। इसके लिए खिलाड़ियों को आमंत्रित किया गया है। अमरीका गॉट टैलेंट सीजन-19 का हिस्सा बनने के लिए कोच की कार्यक्रम के साथ दो मीटिंग हो चुकी है। दिसंबर में अंतिम बैठक ऑनलाइन होगी। इसके बाद खिलाड़ियों के जाने का फैसला हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि इंडियाज गॉट टैलेंट सीजन-10 में खिलाड़ियों ने विनर का खिताब अपने नाम किया था। जिसके बाद अमरीका गॉट टैलेंट के प्रोड्यूसर ने इसमें दिलचस्पी दिखाई। इससे प्रोड्यूसर जॉन एवं लुके के साथ कोच मनोज प्रसाद की आपसी संपर्क के बाद बातचीत हुई।