शिवसागर (असम), 25 अगस्त। राज्य के धींग में एक छात्रा के साथ गैरसम्प्रदाय के तीन युवकों द्वारा बलात्कार किए जाने की घटना की आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। स्थानीय और मूल लोगों ने इस समस्या को जड़ से ही उखाड़ फेंकने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। ऑल असम ताई आहोम स्टूडेंट यूनियन (आटासू) के नेतृत्व में 30 से अधिक राजकीय व स्थानीय संगठनों ने घुसपैठियों, विशेषकर बांग्लादेशी मुस्लिमों से अपना क्षेत्र एक सप्ताह में खाली कर जाने को कहा है। स्थानीय भाषा में इसे मियां मुस्लिम हटाओ अभियान कहा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि असम में बांग्लादेशी घुसपैठियों को मियां मुस्लिम का संबोधन दिया जाता है और इनका असम मूल के मुस्लिमों से कोई सरोकार नहीं है। आटासू का आंदोलन भी मुस्लिम विरोधी न होकर केवल अवैध निवासियों और बांग्लादेशी मुस्लिमों के खिलाफ है।
शिवसागर के धींग में एक बेटी के साथ हुई अमानवीयता को लेकर स्थानीय लोग आंदोलित हैं। हांलाकि बलात्कार के आरोपित तीन युवकों में से तज्जफुल की मौत हिरासत से भागने के दौरान हो चुकी है। पुलिस कार्रवाई भी तेजी से चल रही है। बावजूद इसके स्थानीय लोगों का मानना है कि गैरकानूनी तौर से इस इलाके में घुसे और अवैध तरीके से रह रहे मुस्लिम तबके के लोग और रोहिंग्याई मुसलमान ही यहां कानून व्यवस्था के लिए समस्या बनते जा रहे हैं। आटासू के नेतृत्व में स्थानीय संगठनों ने ऐसे लोगों को अपने जिले और क्षेत्र से निकल जाने की चेतावनी दी है। जिले के अलग-अलग हिस्सों में ऑल ताई आहोम स्टूडेंट्स यूनियन अभियान चलाना शुरू किया है।
रविवार की सुबह से ही आटासू की शिवसागर जिला समिति और केंद्रीय समिति की पहल पर मुस्लिम लोगों की पहचान और अवैध घुसपैठियों (मियां मुस्लिम) के खिलाफ एक बड़ा अभियान आरंभ किया गया है। आटासू ने ऐसे लोगों के लिए एक सप्ताह की समय सीमा तय की है। आटासू के प्रवक्ता ने एक बयान जारी कर शिवसागर जिले के विभिन्न हिस्सों में किराए के घरों में और लोहे के कंटेनर में रहने वाले संदेहास्पद लोगों को एक सप्ताह के भीतर जगह छोड़ने का निर्देश दिया गया है। संगठन ने चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं होने पर आटासू स्वयं कार्रवाई करेगा।
वहीं स्थानीय कांग्रेस विधायक अब्दुर्रशीद मंडल ने आटासू की चेतावनी को गैरजरूरी बताते हुए कहा है कि वे ऐसा कुछ नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि धींग की घटना की वे निंदा करते हैं लेकिन इसके लिए पूरी कम्युनिटी को निशाना बनाना कतई उचित नहीं है. और वे इस आधार पर किसी भी नागरिक को खदेड़े जाने का पुरजोर विरोध करेंगे।