
हावड़ा, 7 अप्रैल। राष्ट्रीय कवि संगम की दक्षिण हावड़ा इकाई की ओर से श्री राम जन्मोत्सव पर काव्यसंध्या का आयोजन किया गया। यह आयोजन तरंग माध्यम के द्वारा संपादित हुआ । कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. गिरिधिर राय ने की। श्यामा सिंह ने मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई , बलवत सिंह गौतम विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थिति थे । कार्यक्रम का शुभारंभ जिला अध्यक्ष हिमाद्रि मिश्रा ने सरस्वती वंदना से किया।
दक्षिण हावड़ा इकाई की महामंत्री नीलम झा ने स्वागत भाषण दिया। अतिथियों में हनुमानगढ़ राजस्थान से जुड़े साहित्यकार पत्रकार गोपाल झा विशेष रूप से उपस्थित रहे। काव्यधारा की शुरुआत प्रणति ठाकुर की भक्तिपूर्ण रचना ” हे हरि हर लो मन की पीड़ा ” से हुई। उनके समधुर गायन ने ऐसा समा बांधा कि उसके बाद एक से बढ़ कर एक प्रस्तुतियां हुईं । विजय इस्सर ने ” सियावर राम का जीवन चरित आदर्श बन जाय” गजल सुनाई तो रंजना झा ने ” कहां है राम” पर अद्भुत प्रस्तुति दी। दिल्ली से जुड़ी रीना रंजन ने भी राम जी पर अपने भावों को गाकर सुनाया। श्रीमती नीलम झा ने राम जी की ससुराल मिथिला वासियों के राम जी के संबंध में कैसे भाव थे इस पर प्रस्तुति दी। श्रीमती स्वागत बसु की रचना ” मेरे राम” भी सराहनीय थी। रामाकान्त सिन्हा राम जी पर रचना सुनायी। कवियों में कमल पुरोहित, पुनीत अग्रवाल , पुष्पा मिश्रा ने भी अपनी रचनाएं सुनाकर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। श्यामा सिंह, हिमादि मिश्रा आदि की रचनाएं बहुत ही स्तरीय रहीं। कार्यक्रम में श्रोता के रूप में, रेखा रजक भी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ गिरिधर राय ने अपनी कुंडलियों के साथ हिन्दू नववर्ष पर एक रचना सुनाई । प्रांतीय सह महामंत्री बलवत सिंह गौतम ने अपने वक्तव्य में रामनवमी की शुभकामनाएं देते हुए राम को विभिन्नता में एकता का प्रतीक बताया। कार्यक्रम का संयोजन रंजना झा और संचालन हिमाद्रि मिश्रा ने किया।कार्यक्रम का समापन विजय इस्सर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ ।