
पूर्वी सिंहभूम, 19 दिसंबर ।
बिरसानगर थाना क्षेत्र अंतर्गत बिरसानगर ब्लॉक संख्या–3बी की रहने वाली कैंसर पीड़ित विधवा आदिवासी महिला निरूपा राय कारुवा ने अपने ही मकान पर अवैध कब्जा किए जाने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता ने भूमि सुधार उपसमाहर्ता पूर्वी सिंहभूम को शुक्रवार को आवेदन देकर गुहार लगाई है कि उनके मकान को दबंगों से मुक्त कराकर उन्हें पुनः कब्जा दिलाया जाए, अन्यथा न्याय नहीं मिलने की स्थिति में वह खुदकुशी करने को विवश होंगी।
निरूपा राय कारोवा ने बताया कि वह स्वर्गीय चक्रधर करुवा की पुत्री हैं और वर्ष 2023 से तृतीय स्टेज कैंसर से पीड़ित हैं। इलाज के लिए वह हैदराबाद में रह रही थीं। उनके साथ उनका 12 वर्षीय बेटा रहता है। पीड़िता के अनुसार, 27 अक्टूबर 2025 से राजा करूवा उर्फ राजा करुवा, निवासी वादुडी चाईबासा, थाना मंझारी, अपने साथियों के साथ उनके बिरसानगर स्थित मकान पर जबरन कब्जा कर लिया। आरोप है कि मारपीट कर उन्हें घर से बाहर निकाल दिया गया और मकान में ताला लगाकर उन्हें प्रवेश करने से रोक दिया गया।
पीड़िता का कहना है कि दबंगों ने उनके कैंसर इलाज की सभी दवाइयां, मेडिकल कागजात, बेटे की पढ़ाई से जुड़ी किताबें-कॉपी, कपड़े और जरूरी सामान अपने कब्जे में रख लिया है। कई बार गुहार लगाने के बावजूद सामान वापस नहीं किया गया। मजबूर होकर वह अपने नाबालिग बेटे के साथ ठंड की रातों में मंदिर में शरण लेकर रह रही हैं।
निरूपा राय करुवा ने यह भी आरोप लगाया कि उनके दो जर्सी गाय, दो बछड़े और चार विदेशी नस्ल के कुत्तों को भी कब्जे में ले लिया गया है। गायों के दूध को बेचकर ही वह अपने और अपने बेटे का जीवन यापन करती थीं। पशुओं के छिन जाने से उनकी आजीविका भी पूरी तरह प्रभावित हो गई है। उन्होंने बताया कि इस मामले में आदिवासी हो समाज की ओर से मध्यस्थता की कोशिश भी की गई, लेकिन राजा करुवा और उसके साथियों ने किसी की बात नहीं मानी।
पीड़िता ने प्रशासन से मांग की है कि बिरसानगर स्थित उनके मकान को अवैध कब्जे से मुक्त कराकर उन्हें तुरंत न्याय दिलाया जाए, ताकि वह अपने बेटे के साथ सुरक्षित जीवन जी सकें और कैंसर का इलाज दोबारा शुरू कर सकें।






