साहित्य मण्डल नाथद्वारा ने प्रतिभाओं का किया सम्मान

उदयपुर, 04 मार्च। जीवन में कुछ प्राप्त करने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ता है। जैसे एक बीज अपने सुंदर जीवन को एक सड़ी गली भूमि में समाहित कर लेता है एवं उसमें सड़कर एक वृक्ष के रूप में संवर जाता है।

यह बात साहित्य मंडल श्रीनाथद्वारा भगवती प्रसाद देवपुरा प्रेक्षागार में रविवार को आयोजित पाटोत्सव ब्रजभाषा समारोह के अंतर्गत विशिष्ट प्रतिभा एवं विद्यार्थी रत्न सम्मान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि साहित्य मंडल श्रीनाथद्वारा के अध्यक्ष एवं भागवत प्रवक्ता मदन मोहन शर्मा ने कही। उन्होंने प्रतिभावान एवं मेधावी छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए का कहा कि प्रतिभावान ही सौंदर्यवान होता है। जिसने एक लक्ष्य का संधान किया है आज वही सफल हुआ है। उसकी सफलता और उसकी उपलब्धि ही उसका सौंदर्य है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी जितेन्द्र सिंह सनाढ्य ने की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि साहित्य मंडल सदैव ही मनीषियों और प्रतिभाओं का सम्मान करता आया है। स्व. भगवती प्रसाद देवपुरा द्वारा स्थापित की गई इस प्रशंसनीय परम्परा को आज साहित्य मण्डल के प्रधानमंत्री एवं साहित्यकार श्याम देवपुरा भी अनवरत रूप से इसका पालन कर रहे हैं।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में जाने-माने साहित्यकार डॉ जयप्रकाश शाकद्विपीय उदयपुर, ब्रजभाषा के कवि हरि ओम हरि भरतपुर, पत्रकार उमा दत्त शर्मा छतारी एवं साहित्यकार राजमल परिहार उपस्थित थे। इस अवसर पर राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर की प्रशासनिक सेवा में चयनित विवेक गुर्जर, मुकेश कुमार एवं नेहा राव को विशिष्ट प्रतिभा सम्मान एवं विभिन्न परीक्षाओं में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्रा सौम्या रांका, हार्दिक जैन, कृपाली जैन, हेतल डागलिया, डॉ विनीता पालीवाल, दीपिका प्रजापत, मनीष परिहार, निवेदिता सोनी, मानसी शर्मा, सोना गायरी, दीक्षित शर्मा, प्रगति सांचीहर, हेमंत पालीवाल, पवन कुमार माली, दिव्या जोशी, नवजीत श्रीमाली, लक्ष्मी बैरागी, कमलेश गायरी, अंजलि सनाढ्य, कल्पेश पालीवाल, पार्थ त्रिपाठी, मानस कुमावत को विद्यार्थी रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया।

गायककार राहुल शर्मा द्वारा गणेश वंदना, सरस्वती वंदना एवं हरिओम हरि द्वारा श्रीनाथ वंदना की प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस अवसर पर सर्वोत्तम त्रिवेदी लघु कांमा, अशोक धाकरे भरतपुर, हरि ओम हरि भरतपुर, सुरेश शर्मा भरतपुर, नारायण सिंह किरावली, नरेंद्र निर्मल भरतपुर, श्याम सिंह जघीना भरतपुर, गोविंद सिंह डागुर भरतपुर ने ब्रजभाषा पर विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के प्रधानमंत्री श्याम प्रकाश देवपुरा ने किया।