पूर्वी सिंहभूम, 26 अगस्त । जुगसलाई चौक बाजार स्थित सत्यनारायण मंदिर के पास मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे  मंदिर से सटी करीब 100 वर्ष पुरानी दो इमारतें अचानक भरभराकर गिर गईं। यह इमारतें लूणकरण भार्तिया और हरसहाय महाराज की पुश्तैनी संपत्तियां थीं, जो वर्षों से खाली पड़ी थीं और आपसी विवाद के चलते जर्जर हालत में थीं। हादसे के समय वहां कोई मौजूद नहीं था, जिससे बड़ी जनहानि टल गई।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दोपहर 3 बजे अचानक तेज आवाज हुई और देखते ही देखते दोनों जर्जर मकान जमींदोज हो गए। मलबे का एक हिस्सा सत्यनारायण मंदिर की दीवारों और छत पर भी गिरा, जिससे मंदिर की संरचना को भारी नुकसान पहुंचा है। मंदिर की छत में दरारें आ गई हैं और दीवारों का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि वे कई बार जुगसलाई नगर परिषद को इन खतरनाक इमारतों के संबंध में शिकायत कर चुके थे, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। नगर परिषद की अनदेखी और लापरवाही से यह हादसा हुआ है।

स्थानीय नागरिकों में आक्रोश

चौक बाजार के दुकानदार और आसपास के निवासी इस घटना से भयभीत हैं। लोगों ने नगर परिषद पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर समय रहते इन भवनों को गिराने की कार्रवाई की गई होती, तो मंदिर को नुकसान नहीं पहुंचता।

मंदिर समिति की मांग

सत्यनारायण मंदिर समिति ने प्रशासन से मांग की है कि मंदिर की मरम्मत के लिए विशेष अनुदान दिया जाए और जर्जर इमारतों को चिन्हित कर उन्हें तुरंत हटाया जाए, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो।

प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार घटना के बाद भी देर शाम तक नगर परिषद या जिला प्रशासन की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई थी।