अस्पताल पर लापरवाही का आरोप, ग्रामीणों में आक्रोश

हजारीबाग27 अक्‍टूबर । छठ महापर्व की पूर्व संध्या पर रविवार को हजारीबाग जिले के केरेडारी थाना क्षेत्र के बेला गांव में एक हृदय विदारक घटना घटी, जहाँ तालाब में डूबने से दो मासूम बच्चियों की मौत हो गई। इस दर्दनाक हादसे से पूरे गांव में मातम छा गया है और छठ की खुशियां शोक में बदल गई हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृत बच्चियों की पहचान रूपा तिवारी (12 वर्ष), पिता रवि तिवारी, तथा गुनगुन कुमारी (11 वर्ष), पिता अनिल तिवारी, दोनों निवासी बेला गांव, के रूप में हुई है। बताया जाता है कि छठ पूजा की तैयारी के क्रम में रविवार को दोनों बच्चियां गांव के तालाब में नहाने गई थीं। इसी दौरान पैर फिसलने से वे गहरे पानी में चली गईं और डूब गईं।

घटना के बाद आसपास मौजूद लोगों ने शोर मचाया, जिसके बाद परिजन तत्काल मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की मदद से दोनों बच्चियों को तालाब से बाहर निकाला। परिजन उन्हें तत्काल केरेडारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) लेकर पहुँचे।

परिजनों और स्थानीय लोगों का आरोप है कि अस्पताल पहुंचने पर वहाँ कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था, जिसके कारण बच्चियों को समय पर उपचार नहीं मिल सका। अस्पताल प्रशासन की इस लापरवाही पर लोगों ने गहरा आक्रोश जताया है।

इलाज में देरी बनी मौत की वजह

बताया गया कि केरेडारी सीएचसी में चिकित्सक नहीं मिलने पर परिजन बच्चियों को बड़कागांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहाँ चिकित्सा प्रभारी डॉ. अविनाश कुमार ने जांच के बाद दोनों को मृत घोषित कर दिया। परिजनों का कहना है कि यदि केरेडारी अस्पताल में डॉक्टर समय पर मौजूद रहते तो दोनों की जान बचाई जा सकती थी। इस घटना ने क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था की वास्तविक स्थिति उजागर कर दी है।

पूरे गांव में पसरा मातम

इस दर्दनाक हादसे के बाद बेला गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। जिस घर में छठ पूजा की तैयारियां चल रही थीं, वहाँ अब मातम पसरा हुआ है। ग्रामीणों ने प्रशासन से पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने और जिम्मेदार चिकित्सा कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।