सबसे बड़ा श्री महानारायण दिव्य रुद्र सहित शत सहस्र चंडी विश्व शांति महायज्ञ
नई दिल्ली, 15 अक्टूबर। भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में 2 नवंबर से श्री महानारायण दिव्य रुद्र सहित शत सहस्र चंडी विश्व शांति महायज्ञ का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह कलयुग में पहली बार और संभवत पूरे विश्व का अब तक का सबसे बड़ा महायज्ञ होगा। 2 नवंबर से 28 दिसंबर तक चलने वाला 57 दिवसीय यह महायज्ञ श्री कांची कामाक्षी अम्मा की प्रेरणा से हो रहा है, जो सनातन धर्म के प्रचार, विश्व शांति और वैश्विक कल्याण के लिए समर्पित है।
राजधानी नई दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के डिप्टी स्पीकर हॉल में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती और चांदनी चौक के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में श्री महानारायण दिव्य रुद्र सहित शत सहस्र चंडी विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।
स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि इस महायज्ञ का आयोजन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, श्री कांची कामकोटि पीठ और चिन्मयी सेवा ट्रस्ट द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह महायज्ञ न केवल भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर सनातन धर्म की पुनर्स्थापना और प्रचार तथा वैश्विक शांति की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने कहा कि कलयुग में इस प्रकार का यज्ञ पहली बार हो रहा है, जो संभवत पूरे विश्व का अब तक का यह सबसे बड़ा महायज्ञ है।
वेदाचार्य डीएसएन मूर्ति ने 57 दिवसीय इस महायज्ञ की विशेषता बताते हुए कहा कि यह श्री कांची कामाक्षी अम्मा की प्रेरणा से आयोजित हो रहा है, जो कि सनातन धर्म के प्रचार, विश्व शांति और वैश्विक कल्याण के लिए समर्पित है। उन्होंने कहा कि यह महायज्ञ 2 नवंबर से 28 दिसंबर तक चलेगा। इस महायज्ञ की विशेषता को उन्होंने विस्तारपूर्व बताया जो इस प्रकार है।
57 दिनों तक चलने वाले इस महायज्ञ का उद्देश्य
इस महायज्ञ का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म के शाश्वत सिद्धांतों को पुनर्जीवित करना, विश्व शांति को बढ़ावा देना और सामूहिक कल्याण के लिए वैदिक अनुष्ठानों के माध्यम से सकारात्मक ऊर्जा का प्रसार करना है। यह आयोजन प्राचीन वैदिक परंपराओं के आधार पर होगा, जिसमें भक्तों और आध्यात्मिक साधकों को भारत एवं विश्वभर में सामूहिक कल्याण में अपना योगदान देने का अनुपम अवसर मिलेगा।
महायज्ञ की विशेषताएं और आयोजन की व्यापकता
इस महायज्ञ में देशभर से 850 विद्वान पुरोहित प्रतिदिन वैदिक मंत्रोच्चार और वैदिक रीति से अनुष्ठान करेंगे, जिससे अयोध्या नगरी में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होगा। इस महायज्ञ का आयोजन स्थल कारसेवकपुरम में एक विशेष नगर का निर्माण किया जा रहा है, जहां महायज्ञ के आयोजन हेतु सभी व्यवस्थाएं होंगी। इसमें प्रतिदिन 10,000 भक्तों के लिए भोजन सेवा की जाएगी।
इस महायज्ञ में विपुल सहभागिता
प्रतिदिन 100 से अधिक भक्त और विशिष्ट व्यक्ति इस आयोजन में भाग लेंगे, जिससे अयोध्या वैश्विक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण का केंद्र बनेगी वहीं बड़ी संख्या में देश के विभिन्न क्षेत्राें के लोग भी इस महायज्ञ में शामिल होंगे।
कांची और अयोध्या का पवित्र संबंध
यह महायज्ञ कांची और अयोध्या के बीच गहरे आध्यात्मिक संबंध को उजागर करता है। मार्कंडेय पुराण के अनुसार, राजा दशरथ ने कांची में माता कामाक्षी की पूजा की और उनके आशीर्वाद से पुत्र कामेष्टि यज्ञ किया, जिसके फलस्वरूप भगवान श्री राम का जन्म हुआ। माता कामाक्षी इक्ष्वाकु वंश की कुलदेवी मानी जाती हैं और यही कारण है कि यह महायज्ञ विशेष महत्व रखता है।
आध्यात्मिक आह्वान
कलयुग में बढ़ती नैतिक और सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए, यह यज्ञ भगवान रुद्र और माता चंडी के आशीर्वाद के माध्यम से विश्व शांति और मानवता की रक्षा के लिए समर्पित है। इस महायज्ञ में भाग लेने का अवसर एक अद्वितीय आध्यात्मिक यात्रा का अनुभव करने का है, जो विश्व कल्याण के लिए अमूल्य योगदान देगा।
भक्तों के लिए आमंत्रण
आयोजन समिति सभी लोगों से इस महायज्ञ में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान करती हैं। कोई भी व्यक्ति 14 दैनिक होम या 2 दैनिक सहस्र चंडी यज्ञ में पंजीकरण कर इस आध्यात्मिक अभियान में शामिल हो सकता है।
श्री महानारायण दिव्य रुद्र सहित शत सहस्र चंडी विश्व शांति महायज्ञ एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महोत्सव है, जो सनातन धर्म की गौरवशाली परंपराओं को पुनर्जीवित करने और वैश्विक शांति के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा। इसमें शामिल होने के लिए पंजीकरण और अधिक जानकारी के लिए आप niyuthachandirudrayagam.bharattemples.org पर जाएं, या मिस कॉल/क्यूआर कोड (77 8025 22 77) का उपयोग कर इससे जुड़े सकते हैं।
भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक महायज्ञ की व्यापकता और उसकी वैश्विक महत्ता को जन-जन तक पहुंचाने में सहयोग देने की कृपा करें। उन्होंने इस महायज्ञ के आयोजन की महत्ता को उजागर कर समाज को इस आध्यात्मिक आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित भी किया। इस अवसर पर कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भारतीया, कारोबारी नेता नेता अमर परवानी, सत्य भूषण जैन, आचार्य शुभेश और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।