छतरपुर, 05 जनवरी। श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर जारी सियासत के बीच प्रसिद्ध कथावाचक बागेश्वरधाम के महंत पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि भगवान श्रीराम राजनीति का विषय नहीं हैं। राजनीति धर्म से चलती है। धर्म राजनीति से नहीं चलता। राम की नीति है, जो गरिमा, एकता और शांति है। ऐसे में कोई रोटियां सेक रहा है तो यह मूर्खता है।

पं. धीरेन्द्र शास्त्री शुक्रवार को नोएडा में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर राममंदिर का श्रेय लेने का दावा करने वाले राजनीतिक दलों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भगवान राम सबके हैं। जातिवाद के लिए राम मंदिर नहीं बन रहा। शबरी का मंदिर बन रहा, निषादराज का भी मंदिर बन रहा है तो क्या ये जातिवाद के लिए बन रहा है? जातिवाद के लिए मंदिर नहीं है, अपितु सभी रामभक्तों की आस्था के लिए मंदिर बन रहा है।

उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रण को लेकर कहा कि वे अयोध्या जाने को लेकर अति उत्साहित हैं। राममंदिर आजतक की समस्त सनातनियों की सबसे बड़ी विजय है। यह उत्सव दीपावली से बहुत ज्यादा खास है। निश्चित ही कोई अभागा होगा, जिसको इस दिन का इंतजार न हो। केवल भारतीयों को नहीं, दुनियाभर में रहने वाले भारतवंशियों को इस दिन का बेसब्री से इंतजार है।

इस दौरान उनसे ज्ञानवापी और मथुरा जन्मभूमि के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है। यह साबित हो गया है कि ज्ञानवापी में भगवान शिव हैं और कृष्ण जन्मभूमि कन्हैया की है। इन मामलों में राय की कोई जरूरत नहीं है, भारत का एक कानून और सुप्रीम कोर्ट है। फिलहाल एएसआई की रिपोर्ट से यहां सनातन का मंदिर होने का प्रमाण मिलता है।

पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने इस दौरान ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) चीफ असदुद्दीन ओवैसी पर उनकी हालिया टिप्पणी को लेकर भी निशाना साधा और कहा कि यह ओवैसी के डर को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हम मस्जिदों पर मंदिर नहीं बनाना चाहते, बल्कि मंदिरों का पुनर्निर्माण करना चाहते हैं। अगर उन्हें यह डर है तो मैं कामना करता हूं कि यह डर उनके अंदर बना रहे।

दरअसल, ओवैसी ने गत दिनों मुस्लिम युवाओं से भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे कामों पर नजर रखने की अपील करते हुए कहा था कि देश में मस्जिदें आबाद रहनी चाहिए। हमने अपनी मस्जिद खो दी है और आप देख रहे हैं कि वहां क्या किया जा रहा है।