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कोलकाता, 25 दिसंबर

तृणमूल कांग्रेस ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। पार्टी का आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रही हिंसा के खिलाफ अब तक खुलकर आवाज नहीं उठाई है। साथ ही तृणमूल ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल बांग्लादेश के पीड़ित हिंदू समुदाय के साथ मजबूती से खड़ी है।

राज्य की मंत्री शशि पांजा ने गुरुवार को कोलकाता में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भारतीय जनता पार्टी यह झूठा नैरेटिव गढ़ने की कोशिश कर रही है कि तृणमूल कांग्रेस बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ नहीं बोल रही। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में दीपु चंद्र दास की हत्या की पार्टी कड़े शब्दों में निंदा करती है और वहां के हिंदू भाइयों और बहनों के साथ पूरी मजबूती से खड़ी है।

शशि पांजा ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने अब तक बांग्लादेश में हो रही घटनाओं पर स्पष्ट और मुखर प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी। उन्होंने यह भी पूछा कि इन घटनाओं को लेकर विदेश मंत्रालय की ओर से क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

ओडिशा में प्रवासी मजदूर पर हमले की निंदा

इसके साथ ही मंत्री ने ओडिशा के संभलपुर जिले में पश्चिम बंगाल के एक प्रवासी मजदूर की हत्या का आरोप लगाया। उनका दावा है कि मुर्शिदाबाद जिले के सुती ब्लॉक के तीन युवकों पर ओडिशा में इस आरोप में हमला किया गया कि वे बांग्लादेशी हैं, क्योंकि वे बांग्ला भाषा में बात कर रहे थे। इस हमले में एक युवक की मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है।

शशि पांजा ने कहा कि इस घटना की पार्टी निंदा करती है और आरोप लगाया कि कुछ राज्यों में बंगाली भाषी प्रवासी मजदूरों को केवल भाषा के आधार पर बांग्लादेशी बताकर प्रताड़ित किया जा रहा है, जबकि भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है।

नदिया जिले के राणाघाट में प्रधानमंत्री की हालिया रैली में लगाए गए नारे पर भी तृणमूल ने सवाल खड़े किए। पार्टी ने पूछा कि क्या भारतीय जनता पार्टी यह कहना चाहती है कि अगर किसी को जीना है तो उसे उसी पार्टी में शामिल होना पड़ेगा।

इस बीच ओडिशा पुलिस ने बताया कि संबलपुर जिले में 30 वर्षीय प्रवासी मजदूर की हत्या बीड़ी को लेकर हुए विवाद के दौरान हुुई थी। पुलिस के अनुसार इस मामले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने यह भी कहा है कि हत्या का संबंध पीड़ित की भाषा या उसकी नागरिकता से नहीं था।