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कोलकाता, 23 दिसंबर

मकर संक्रांति के मौके पर पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप में हर वर्ष लगने वाल गंगासागर मेले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पूरी तरह सतर्क है। हाल ही में कोलकाता के सॉल्ट लेक स्थित स्टेडियम में हुए कार्यक्रम के दौरान अव्यवस्था के बाद राज्य प्रशासन बड़े आयोजनों में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतना चाहता। इसी पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गंगासागर मेला में हर तरह की वीआईपी संस्कृति खत्म करने का सख्त निर्देश दिया था। अब उन्हीं निर्देशों के अमल की स्थिति और प्रशासनिक तैयारियों की जमीनी हकीकत देखने के लिए मुख्यमंत्री स्वयं सागरद्वीप जा रही हैं।

राज्य सचिवालय नवान्न सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री पांच जनवरी को गंगासागर पहुंचेंगी। वहां वे दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक करेंगी। इस दौरान मेला क्षेत्र में चल रहे कार्यों की प्रगति की जानकारी लेंगी और कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन तथा शिलान्यास भी कर सकती हैं। निरीक्षण के बाद छह जनवरी को मुख्यमंत्री के कोलकाता लौटने का कार्यक्रम है।

नवान्न के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री पहले ही साफ कर चुकी हैं कि इस बार गंगासागर मेला में किसी भी तरह की वीआईपी सुविधा, अलग रास्ता या विशेष पास की व्यवस्था नहीं होगी। आम श्रद्धालुओं को असुविधा पहुंचे, ऐसा कोई भी कदम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री का सागरद्वीप दौरा प्रशासन के लिए अंतिम समीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है, जहां यह परखा जाएगा कि उनके निर्देश जमीन पर कितनी सख्ती से लागू हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री के सामने सुरक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाएं, पीने के पानी की उपलब्धता, बिजली, सफाई, यातायात व्यवस्था और अस्थायी आवास से जुड़ी तैयारियों पर विस्तृत रिपोर्ट रखी जाएगी। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री कपिलमुनि मंदिर में पूजा भी कर सकती हैं। इस दौरान मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने की संभावना है।

उल्लेखनीय है कि 14 जनवरी को पौष संक्रांति के दिन गंगासागर में मुख्य पुण्य स्नान होगा। हालांकि मेला 10 जनवरी से शुरू होकर 16 जनवरी तक चलेगा। प्रशासन का अनुमान है कि इस दौरान लाखों श्रद्धालु गंगासागर पहुंचेंगे। इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए मुख्यमंत्री ने पहले ही स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए और मेला पूरी तरह सुरक्षित व सुव्यवस्थित ढंग से संचालित किया जाए।

नवान्न सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री का यह दौरा प्रशासन के लिए आखिरी चेतावनी और अंतिम अवसर की तरह है। निर्देशों के मुताबिक अंतिम समय की सभी कमियों को दूर कर ही मेला मैदान में उतरना होगा।