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काठमांडू, 22 दिसंबर । नेपाल में 5 मार्च को होने वाले संसदीय चुनाव से 30 दिन पहले ही सेना सुरक्षा कमान को अपने हाथ में लेगी। पहले नवम्बर के आखिरी हफ्ते में ही सेना परिचालन का निर्णय लिया गया था, लेकिन अब नेपाली सेना तत्काल मैदान में नहीं उतरेगी।

सेना के प्रवक्ता सहायक रथी राजाराम बस्नेत ने कहा, “निर्वाचन को स्वतंत्र, निष्पक्ष, भयमुक्त और विश्वसनीय बनाने के लिए नेपाली सेना परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय सुरक्षा समिति से स्वीकृत प्रतिनिधि सभा निर्वाचन सुरक्षा योजना के आधार पर बिना विवाद के चुनाव सुरक्षा से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता दे रही है। हम चुनाव से 30 दिन पहले अपने कार्यों का संचालन शुरू करेंगे।”

सुरक्षा योजना के अनुसार चुनाव के लिए मतपत्रों की छपाई और उनके परिवहन की सुरक्षा की जिम्मेदारी नेपाली सेना को दी गई है। इसके अलावा नेपाल पुलिस और सशस्त्र प्रहरी बल द्वारा संरक्षित महत्वपूर्ण संरचनाओं और प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में भी चुनाव अवधि के दौरान नेपाली सेना तैनात रहेगी। इन स्थानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी चुनाव से 30 दिन पहले ही नेपाली सेना संभालेगी। इसी तरह चुनाव के दौरान संदिग्ध विस्फोटक पदार्थों को निष्क्रिय करने का कार्य भी सेना करेगी। यह जिम्मेदारी पूर्व के चुनावों में भी नेपाली सेना निभाती रही है।

प्रवक्ता बस्नेत ने बताया कि पिछले चुनावों की तुलना में इस बार नेपाली सेना की भूमिका में कोई विशेष बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले चुनावों में हमने जो भूमिका निभाई थी, इस बार भी वही भूमिका होगी। एकीकृत सुरक्षा योजना जो निर्देश देती है, उसी के अनुसार और परिस्थिति के अनुसार हम सुरक्षा व्यवस्था करेंगे। इस बार भी हम बाहरी घेराबंदी में ही तैनात रहेंगे।

इससे पहले सरकार के उच्च अधिकारियों ने चुनाव से तीन महीने पहले ही सेना तैनात किए जाने की बात कही थी, लेकिन वर्तमान में नेपाली सेना नए फैसले के अनुसार चुनाव के लिए संयुक्त अभ्यास सहित अन्य तैयारियों में जुटी हुई है। प्रत्येक जिले की सुरक्षा का विश्लेषण कर योजनाएं बनाई जा रही हैं। साथ ही सेना चुनाव सुरक्षा में अपनी गतिविधियों के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने की भी तैयारी कर रही है।