
नई दिल्ली, 3 दिसंबर । संचार साथी ऐप को मोबाइल फोन पर अनिवार्य रूप से प्री-इंस्टॉल करने के आदेश पर विवाद बढ़ने के बाद सरकार ने इस नियम को हटा दिया है। इसकी जानकारी केंद्रीय संचार मंत्रालय ने दी।
मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में कहा कि सरकार ने सभी नागरिकों को साइबर सिक्योरिटी देने के इरादे से सभी स्मार्टफोन में संचार साथी ऐप को पहले से इंस्टॉल करना जरूरी कर दिया था। यह ऐप सुरक्षित है और इसका मकसद सिर्फ नागरिकों को साइबर दुनिया में गलत लोगों से बचाना है। यह सभी नागरिकों को ऐसे गलत लोगों और कामों की रिपोर्ट करने में जन भागीदारी में मदद करता है, साथ ही यूज़र्स को भी बचाता है। ऐप में यूज़र्स को बचाने के अलावा कोई और काम नहीं है और वे अपने फोन से इसे हटा सकते हैं।
इससे पहले संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संसद भवन में एक सवाल के जवाब में कहा कि संचार साथी ऐप का उद्देश्य सकारात्मक और लोक हितैषी है ना कि इसका मकसद स्नूपिंग करना है। उपभोक्ता चाहे तो संचार साथी ऐप को अपने फोन से डिलीट भी कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि अब तक 1.4 करोड़ से अधिक लोग इस ऐप को डाउनलोड कर चुके हैं और हर दिन लगभग 2 हजार धोखाधड़ी की घटनाओं की जानकारी साझा कर रहे हैं। पिछले 24 घंटे में छह लाख लोगों ने ऐप डाउनलोड करने के लिए पंजीकरण किया।





