
पूर्वी सिंहभूम, 3 दिसंबर । जिला व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित बार भवन में बुधवार को अधिवक्ता समुदाय ने देशरत्न, भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की 141वीं जयंती को अधिवक्ता दिवस के रूप में गरिमा के साथ मनाया। वरिष्ठ अधिवक्ता अर्जुन सिंह एवं अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने संयुक्त रूप से केक काटकर समारोह की शुरुआत की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अर्जुन सिंह ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद न केवल देश के प्रथम राष्ट्रपति थे, बल्कि भारतीय वकालत जगत के गौरव भी थे। उनकी सादगी, ईमानदारी, कार्यकुशलता और मूल्यपरक जीवन आज भी देश के हर नागरिक और विशेषकर अधिवक्ताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। विशाल पद पर आसीन रहने के बावजूद उन्होंने सदैव सामान्य भारतीय की तरह जीवन व्यतीत करते हुए आदर्शों का पालन किया, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए अनुकरणीय है।
वक्ताओं ने स्वतंत्रता आंदोलन में वकीलों की अहम भूमिका को भी रेखांकित किया और कहा कि न्याय और लोकतंत्र की बुनियाद मजबूत करने में अधिवक्ताओं का योगदान सदैव महत्वपूर्ण रहा है।
कार्यक्रम में अधिवक्ता राजू सिंह, मोहम्मद कासिम, पूर्व जिला अभियोजन पदाधिकारी सुशील कुमार जायसवाल, रामजीत पांडे, त्रिलोकी नाथ ओझा, संजीव सिंह, राहुल प्रसाद, राहुल राय, रंजीत सिंह, बाबू नंदी, बबीता जैन, सविताकुमारी, श्रीकांत सिंह, विद्युत मुखर्जी, टुकाई दा, जेके राजू, धीरेंद्र चौधरी, चावला जी सहित अनेक अधिवक्ता उपस्थित थे।








