
चेन्नई, 1 दिसंबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु में शिवकाळै के पास 2 सरकारी बसों के आमने-सामने टकराने वाली दुर्घटना में 11 लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया है तथा हताहताें के लिए मुआवज़े की घोषणा की है।
शिवकाळै बस दुर्घटना में जान गंवाने वालों के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने शोक व्यक्त करने के साथ-साथ मुआवजे की घोषणा भी की है। इस संबंध में उन्होंने अपने एक्स एकाउंट पर एक पोस्ट साझा की है। इसमें उन्होंने कहा, ‘शिवकाळै के पास हुई बस दुर्घटना में जान गंवाने वालों के परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ। इस दुर्घटना में घायल हुए लोग जल्दी स्वस्थ हों, यही मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ।’
इसके अलावा, इस दुर्घटना में प्रभावित लोगों को राहत प्रदान की जाने की जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय ने दी है। इस संबंध में जारी बयान में कहा गया है, ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से, इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को प्रति परिवार 2 लाख रुपये और घायलों प्रति व्यक्ति 50 हजार रुपये मुआवजे के रूप में दिए जाएंगे।’
पहले, इस भयावह दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त कर चुके तामिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने मृतकों के परिवारों को प्रति परिवार 3 लाख रुपये और घायल लोगों को प्रति व्यक्ति 1 लाख रुपये राहत राशि देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने अपनी पोस्ट में कहा कि उन्होंने शिवकांगई जिले के कलेक्टर और उस जिले के प्रभारी मंत्री के.आर. परमाकारुपन को सीधे जाकर प्रभावित व्यक्तियों को उचित इलाज सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।
थिरुपथ्टूर से कारैकुड़ी की ओर जा रही सरकारी बस और कारैकुड़ी से डिंडुकल की ओर जा रही दूसरी सरकारी बस आपस में सीधे टकरा गई और दुर्घटनाग्रस्त हो गई। पिल्लैयारपट्टी के पास कल शाम हुई इस दुर्घटना में दोनों बसों के अगले हिस्से पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए।
इस दुर्घटना में फंसे हुए 8 लोग घटनास्थल पर ही दम तोड़ चुके थे और घायलों को बचाकर तिरुप्पथ्तूर सरकारी अस्पताल और आस-पास के अस्पतालों में ले जाया गया। इनमें से तिरुप्पथ्तूर सरकारी अस्पताल में उपचार के दौरान 3 लोगों की मृत्यु हो गई, जिससे मृतकों की संख्या 11 हो गई। इसके अलावा, 40 से अधिक घायल लोग अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।
इस भयानक दुर्घटना के संबंध में तिरुप्पथ्तूर पुलिस ने मामला दर्ज कर गहन जांच शुरू कर दी है। शिवगंगा घटना के बारे में की गई प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दो बसें बहुत तेज गति से चल रही थीं, जो दुर्घटना का कारण बनीं।






