
कोलकाता, 21 नवम्बर । पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नई भर्ती प्रक्रिया के दौरान साक्षात्कार के योग्य घोषित 26 अभ्यर्थियों के अनुभव प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं। यह मामला पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन की ओर से 18 नवम्बर से शुरू हुई दस्तावेज जांच के समय सामने आया है। कमीशन के एक अधिकारी ने बताया कि जांच प्रक्रिया जारी है और इन फर्जी प्रमाणपत्रों के सामने आने के बाद सभी साक्षात्कार योग्य उम्मीदवारों के अनुभव दस्तावेजों की और अधिक सतर्कता से जांच की जा रही है।
यह भर्ती प्रक्रिया उस पृष्ठभूमि में संचालित हो रही है जब इस वर्ष अप्रैल में उच्चतम न्यायालय की खंडपीठ ने लगभग 26 हजार नियुक्तियां रद्द कर दी थीं। न्यायालय ने यह भी साफ किया था कि जिन अभ्यर्थियों ने पैसे देकर नौकरी हासिल की थी उन्हें नई भर्ती में शामिल नहीं किया जाएगा।
इस बीच हाल में प्रकाशित लिखित परीक्षा परिणाम को चुनौती देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय में दो याचिकाएं दायर की गई हैं। पहली याचिका में आरोप लगाया गया है कि पूर्व में चिन्हित दागी अभ्यर्थी, जिन्हें पैसे देकर नौकरी पाने वालों की सूची में रखा गया था, वे दोबारा साक्षात्कार के लिए योग्य हो गए हैं जो सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है। दूसरी याचिका में मांग की गई है कि दस अंक के अनुभव वेटेज में राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में कार्य का अनुभव भी शामिल किया जाए क्योंकि वर्तमान में यह लाभ केवल राज्य संचालित स्कूलों में अनुभव वाले अभ्यर्थियों को मिलता है।
इस भर्ती घोटाले की जांच के दौरान प्रवर्तन एजेंसियों ने पाया था कि हजारों नियुक्तियां नियम और प्रक्रिया को दरकिनार कर पैसों के बदले की गई थीं जिसके बाद कई अधिकारियों, बिचौलियों और राजनीतिक हस्तियों को गिरफ्तार किया गया था।








