
कोलकाता, 11 नवम्बर । पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चट्टोपाध्याय को सोमवार को अदालत से मिली जमानत के बाद मंगलवार दोपहर को रिहा कर दिया गया। तीन साल, तीन महीने और 19 दिन जेल में रहने के बाद वे आखिरकार अपने नाकतला स्थित घर लौटे।
दोपहर करीब 2:20 बजे वे बाइपास के पास स्थित अस्पताल से व्हीलचेयर पर बाहर निकले। जैसे ही वे अस्पताल के मुख्य द्वार पर आए, पहले से मौजूद समर्थकों ने ‘पार्थ दा जिंदाबाद’ के नारे लगाए। इस दृश्य को देखकर भावुक हुए पार्थ चट्टोपाध्याय की आंखें नम हो गईं, लेकिन उन्होंने मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया। केवल सिर हिलाकर उन्होंने संकेत दिया कि वे कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते।
पार्थ उस समय नीले रंग की फूलदार सफेद कुर्ता-पायजामा और नीले मास्क में नजर आए। पहले से इंतजार कर रही गाड़ी में बैठकर वे अपने नाकतला स्थित घर के लिए रवाना हुए। इस दौरान बड़ी संख्या में उनके समर्थक बाइक पर उनके काफिले के साथ चल पड़े। रास्ते में पार्थ को कार के अंदर से हाथ जोड़कर अभिवादन करते हुए देखा गया।
पार्थ को अस्पताल से लेने के लिए सुबह से ही उनके समर्थक वहां जुटे थे। जैसे ही उनकी गाड़ी अस्पताल से निकली, समर्थकों का काफिला जयकारे लगाते हुए उनके घर तक पहुंचा।
शिक्षक नियुक्ति घोटाले (एसएससी भर्ती मामला) में पार्थ चट्टोपाध्याय को 23 जुलाई 2022 को कोलकाता के नाकतला स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया था। उच्चतम न्यायालय ने चटर्जी की जमानत अर्जी अगस्त को स्वीकार कर ली थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया था कि उन्हें निचली अदालत में महत्वपूर्ण गवाहों के बयान दर्ज किए जाने के बाद ही जेल से रिहा किया जाएगा। उसी के अनुरूप सोमवार को मामले में आठवें गवाह की गवाही पूरी हुई, जिसके बाद अलीपुर की विशेष सीबीआई अदालत ने पार्थ चट्टोपाध्याय की रिहाई का आदेश दिया। अदालत के दस्तावेज प्रेसिडेंसी जेल भेजे गए और वहीं से प्रक्रिया पूरी होने के बाद मंगलवार को उनकी औपचारिक रिहाई हुई।






