कोलकाता, 27 अक्टूबर । पश्चिम बंगाल में पश्चिम मिदनापुर जिले के नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस के एक पदाधिकारी को बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) नियुक्त किए जाने का मामला सामने आया है। यह पिछले सात दिनों में दूसरी बार है जब किसी सत्तारूढ़ दल के पदाधिकारी को बीएलओ बनाए जाने की शिकायत सामने आई है। दोनों मामलों में शिकायतकर्ता पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी हैं।

पिछले सप्ताह दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर विधानसभा क्षेत्र के एक बूथ में तृणमूल कांग्रेस के एरिया अध्यक्ष को बीएलओ नियुक्त किए जाने का मामला उजागर हुआ था। इस पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) मनोज कुमार अग्रवाल ने संबंधित जिला मजिस्ट्रेट एवं जिला निर्वाचन अधिकारी को जांच कर शीघ्र रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया था। अब नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र में भी इसी तरह की नियुक्ति का मामला सामने आने के बाद सीईओ कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, पश्चिम मिदनापुर जिले के जिला मजिस्ट्रेट और जिला निर्वाचन अधिकारी से भी विस्तृत रिपोर्ट तलब किए जाने की संभावना है।

भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार सुबह चुनाव आयोग का ध्यान इस ओर दिलाया कि बूथ संख्या 24, संदेउली में बीएलओ के रूप में नियुक्त सुध्ददेब महापात्रा न केवल तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हैं, बल्कि वे पैरा शिक्षक भी हैं। पैरा शिक्षक होने के कारण उनकी नियुक्ति चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित बीएलओ चयन मानदंडों का उल्लंघन है, जिसमें स्पष्ट रूप से पैरा शिक्षक की नियुक्ति पर रोक लगाई गई है।

आयोग के मानदंडों के अनुसार, बीएलओ नियुक्ति में प्राथमिकता राज्य सरकार के स्थायी कर्मचारियों और सेवानिवृत्ति लाभ जैसे भविष्य निधि, पेंशन और ग्रेच्युटी प्राप्त स्थायी शिक्षकों को दी जानी चाहिए। अधिकारी ने आरोप लगाया कि महापात्रा की नियुक्ति करते समय दो स्थायी प्राथमिक शिक्षकों और दो आंगनवाड़ी (आईसीडीएस) कर्मियों को नजरअंदाज किया गया, जबकि ये सभी आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार पात्र थे।

शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मैं मुख्य निर्वाचन अधिकारी, पश्चिम बंगाल से अनुरोध करता हूं कि इस मामले में तुरंत संज्ञान लें और चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता बनाए रखने के लिए पात्र सरकारी अधिकारी को बीएलओ नियुक्त करें। ——