कोलकाता, 22 दिसंबर। राज्य सचिवालय नवान्न के पास सरकारी कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन के मामले में सरकार को बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से दाखिल आवेदन पर सुनवाई करने के बाद शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने कहा कि नवान्न बस स्टैंड पर 48 घंटे का धरना कार्यक्रम आयोजित किया जा सकता है। शनिवार दोपहर को प्रदर्शन खत्म कर देना होगा। आंदोलनकारी ने तीन दिनों तक लगातार विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई थी।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि मुख्यमंत्री ने डीए बढ़ाने की घोषणा की है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि उसके बाद धरना क्यों? तब राज्य सरकार के वकील किशोर दत्त ने कहा कि आंदोलनकारी इससे खुश नहीं हैं। इसलिए उन्होंने रात से धरना कार्यक्रम शुरू कर दिया है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश पीठ ने डीए आंदोलनकारियों को गुरुवार को नवान्न बस स्टैंड पर बैठकर विरोध प्रदर्शन करने की सशर्त अनुमति दी थी। जस्टिस राजशेखर मंथा ने कहा था कि धरना कार्यक्रम 72 घंटे से ज्यादा नहीं हो सकता। वहां एक समय में 300 से ज्यादा लोग मौजूद नहीं रह सकते।
जस्टिस मंथा ने कहा था कि अगर रेड रोड पर या जहां धारा 144 लागू है, वहां राजनीतिक कार्यक्रमों की इजाजत है तो सचिवालय के पास क्यों नहीं? इसके बाद राज्य की ओर से मुख्य न्यायाधीश शिवगणम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में न्यायमूर्ति मंथा के आदेश को चुनौती देते हुए अपील दायर की गई थी। इसी पर शुक्रवार को सुनवाई हुई जिस पर कोर्ट ने आंदोलनकारी को 48 घंटे के अंदर प्रदर्शन खत्म करने को कहा है।