
रांची, 28 अगस्त । विधानसभा के मानसून सत्र में गुरुवार को सत्र के समापन संबोधन में विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा को बचाए रखने के लिए सभी सदस्यों को जनता के प्रति दायित्वों को निष्पक्षता से रखना होगा।
उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही के बीच एक पीड़ादायक परिणाम भी सामने आई जिसे इस अवसर पर साझा करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह देखा जा रहा है कि कई सदस्य कई बार अपनी जनप्रतिबद्धता और स्थानीय समस्याओं की अपेक्षा दलगत निर्देशों को प्राथमिकता देने में लगे रहते हैं। जब जनादेश से चुने गये हम सभी जनप्रतिनिधि जनता की अपेक्षाओं को पीछे छोड़कर केवल पार्टी कमांड का पालन करते हैं तो यह सदन के लिए, लोकतंत्र के लिए बहुत उचित प्रतित नहीं होता है। उन्होंने सदस्यों से कहा कि यह आग्रह करना चाहूंगा कि दलगत राजनीति से उपर उठकर जनता की आवाज को प्राथमिकता कम से कम प्रश्नकाल में जरूर दें।
उन्होंने कहा कि यह सदन तृतीय मॉनसून सत्र के रूप में एक अगस्त से सात अगस्त तक आहुत था परंतु बीच सत्र में दिशोम गुरू शिबू सोरेन के निधन के कारण चार अगस्त को सदन स्थगित की गयी। पुनः सदन नेता का प्रस्ताव प्राप्त होने पर 22 से 28 अगस्त तक के लिए तृतीय (मानसून) पूरक सत्र चल कर समाप्ति की ओर है।
सत्र में स्वीकृत हुए 107 अल्पसूचित, 183 तारांकित और 34 अतारांकित प्रश्न
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस सत्र में कुल 324 प्रश्न स्वीकृत किए गए , जिसमें 107 अल्पसूचित, 183 तारांकित तथा 34 अतारांकित प्रश्न शामिल है।
शून्यकाल की कुल 70 सूचनाएं स्वीकृत हुई। वहीं कुल 21 निवेदन प्राप्त हुए। कुल 34 ध्यानाकर्षण प्राप्त हुए, जिसमें से 20 स्वीकृत हुए और चार ध्यानाकर्षण सदन में उत्तरित हो पाये। इस सत्र में कुल 34 गैर सरकारी संकल्प प्राप्त हुए।
इस सत्र में प्रथम अनुपूरक बजट, सहित पांच अन्य राजकीय विधेयक, झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक, झारखंड व्यावसायिक शिक्षण संस्थान (शुल्क विनियमन) विधेयक, झारखंड कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक, झारखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (विशेष छूट) विधेयक एवं झारखंड प्लेटफॉर्म आधारित गिग श्रमिक (निबंधन और कल्याण), विधेयक, 2025 सदन में उपस्थापित किया और बाद में सदन की ओर से पारित किया गया।
दिशोम गुरू को भारत रत्न का प्रस्ताव पारित होना ऐतिहासिक
उन्होंने कहा कि यह सदन झारखंड के निर्माता, समाज सुधारक और आदिवासियों के हक के लिए हमेशा अपना जीवन न्योछावर करने वाले दिशोम गुरू शिबू सोरेन को भारत का सर्वोच्च नारिक सम्मान भारत रत्न देने के लिए प्रस्ताव सदन ने सर्वसम्मति से पारित किया। इसे लेकर भी यह सत्र ऐतिहासिक साबित होगा।
इस मौके पर उन्होंने सत्र के संचालन में सहयोग के लिए मुख्यमंत्री सहित मंत्रिपरिषद, नेता प्रतिपक्ष, सभी दलों के नेता और सभी सदस्य, विधानसभा के कर्मी और पुलिसकर्मियों एवं मीडिया के प्रति आभार प्रकट किया।
इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दी।