नई दिल्ली, 28 अगस्त  राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकवादी हमले को लेकर बड़ा खुलासा किया है। एनआईए अधिकारियों ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि इस हमले के पीछे केवल तीन पाकिस्तानी आतंकवादी शामिल थे। इससे पहले कुछ चश्मदीदों और पुलिस रिपोर्टों में चार से पांच हमलावरों की बात कही गई थी, लेकिन एनआईए की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि हमले को लश्कर-ए-तैयबा के सिर्फ तीन आतंकियों ने अंजाम दिया।

एनआईए अधिकारियों के अनुसार, बैसरन घाटी को हमले के लिए इसलिए चुना गया क्योंकि यह इलाका सुनसान है, पुलिस की निगरानी कम होती है और यहां सैलानियों की आवाजाही ज्यादा रहती है। आतंकियों ने हमले से पहले इलाके की रेकी की थी और वहां छिपने व खाने-पीने के बदले दो स्थानीय ओवरग्राउंड वर्करों को तीन-तीन हजार रुपये दिए थे। इन दोनों के खिलाफ जल्द ही आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा।

हमले के बाद ऑपरेशन महादेव में सुरक्षा बलों ने तीनों आतंकियों को मार गिराया था। मौके से बरामद कारतूस और आतंकियों के पास से मिले कारतूसों और बंदूक के मिलान से भी यह बात पुष्टि हुई है कि वे ही इस हमले में शामिल थे। इस हमले में कुल 26 लोगों की जान गई थी, जिसने देशभर में गुस्सा और दुख फैलाया था।

एनआईए ने मालेगांव ब्लास्ट केस पर बताया कि फैसले के बाद अब तक यह तय नहीं हुआ है कि एनआईए अपील करेगी या नहीं। केस की रिपोर्ट जांच अधिकारी को दी गई है और लीगल सलाह ली जा रही है। रिव्यू पिटीशन दाखिल करने की समयसीमा 30 दिन है, जिसे 90 दिन तक बढ़ाया जा सकता है। जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।