कोलकाता, 28 अगस्त। चुनाव आयोग के निर्देशों पर अमल करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने लंबे समय से खाली पड़े अहम चुनावी पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार ने शुक्रवार, 29 अगस्त तक की समयसीमा तय की है।

मुख्य सचिव मनोज पंत ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों को आदेश दिया है कि वे निर्वाचन पदाधिकारी और सहायक निर्वाचन पदाधिकारी के पदों पर नियुक्ति की मौजूदा स्थिति का आकलन करें और प्रक्रिया को तत्काल पूरा करें।

अधिकारियों ने बताया कि हर विधानसभा क्षेत्र के लिए एक निर्वाचन पदाधिकारी अनिवार्य है, लेकिन कई कानूनी मामलों, खासकर अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण से जुड़े मुकदमों के कारण बड़ी संख्या में पद खाली रह गए हैं। सरकार ने निर्देश दिया है कि केवल उप-मंडलाधिकारी को निर्वाचन पदाधिकारी नियुक्त किया जाएगा और जहां यह संभव न हो, वहां वरिष्ठ राज्य सिविल सेवा अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी जाएगी।

सचिवालय सूत्रों के मुताबिक, वर्तमान में 610 से अधिक सहायक निर्वाचन पदाधिकारी के पद खाली हैं। प्रायः इन पदों पर नियुक्ति प्रखंड स्तर के विस्तार अधिकारियों या विभिन्न विभागों के प्रखंड स्तरीय अधिकारियों से की जाती है। हालांकि, अब अन्य विभागों के समकक्ष पदों पर कार्यरत अधिकारियों को भी यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है, लेकिन इसके लिए चुनाव आयोग की स्वीकृति आवश्यक होगी।

इस बीच, राज्य में मतदान केंद्रों की संख्या बढ़कर लगभग 95 हजार हो गई है। ऐसे में बूथ स्तर पर काम करने वाले अधिकारियों की संख्या बढ़ाने की भी आवश्यकता महसूस की जा रही है। चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के दफ्तर की अनुमति से इस प्रक्रिया की शुरुआत कर दी गई है।