
नई दिल्ली, 28 अगस्त। भारतीय रेलवे ने वंदे भारत ट्रेनों की बढ़ती लोकप्रियता और यात्रियों की मांग को देखते हुए उनकी क्षमता बढ़ाने का निर्णय लिया है। वित्त वर्ष 2025-26 (31 जुलाई 2025 तक) की ऑक्यूपेंसी के आधार पर रेलवे ने सात प्रमुख वंदे भारत सेवाओं में रेक प्रतिस्थापन और विस्तार की योजना बनाई है।
योजना के अनुसार तीन 16 कोच वाली वंदे भारत ट्रेनों को 20 कोच में और चार 8 कोच वाली ट्रेनों को 16 कोच में परिवर्तित किया जाएगा। रेलवे के मुताबिक जल्द ही 20 और कोच वाले नए रेक भी सेवा में शामिल किए जाएंगे। इसके बाद मुक्त होने वाले 16 और 8 कोच के रेक का उपयोग नई सेवाएं शुरू करने में किया जाएगा।
प्रतिस्थापन के बाद ट्रेन सेवाओं की स्थिति इस प्रकार होगी—
1. मंगलुरु सेंट्रल – तिरुवनंतपुरम सेंट्रल (20631/32) : 16 कोच से 20 कोच (दक्षिण रेलवे)
2. सिकंदराबाद – तिरुपति (20701/02) : 16 कोच से 20 कोच (दक्षिण मध्य रेलवे)
3. चेन्नई एग्मोर – तिरुनेलवेली (20665/66) : 16 कोच से 20 कोच (दक्षिण रेलवे)
4. मदुरै – बेंगलुरु कैंट (20671/72) : 8 कोच से 16 कोच (दक्षिण रेलवे)
5. देवघर – वाराणसी (22499/00) : 8 कोच से 16 कोच (उत्तर रेलवे)
6. हावड़ा – राउरकेला (20871/72) : 8 कोच से 16 कोच (दक्षिण पूर्व रेलवे)
7. इंदौर – नागपुर (20911/12) : 8 कोच से 16 कोच (पश्चिम रेलवे)
रेलवे का मानना है कि इस कदम से न केवल यात्रियों को अधिक सुविधा मिलेगी बल्कि इन मार्गों पर लगातार बढ़ती मांग को भी पूरा किया जा सकेगा।