
कोलकाता, 27 अगस्त । पश्चिम बंगाल के राज्यपाल तथा राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति डॉ. सी.वी. आनंद बोस ने बुधवार को गौर बंग विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पबित्र को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया। उनके खिलाफ कर्तव्य में लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।
राजभवन सूत्रों के अनुसार, हाल ही में विश्वविद्यालय के निरीक्षक ने आरोप लगाया था कि प्रो. चटर्जी ने कानूनी खर्चों को निपटाने के लिए तीन लाख रुपये की मांग की थी। इस संबंध में उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिकाएं भी दायर की हैं। राजभवन का कहना है कि इतने गंभीर आरोपों के बाद किसी व्यक्ति का कुलपति पद पर बने रहना शिक्षा व्यवस्था की गरिमा के खिलाफ है।
हालांकि, रसायनशास्त्र के प्राध्यापक प्रो. चटर्जी ने इस आरोप से इनकार किया है।
सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने 25 अगस्त को विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह रद्द करने का निर्देश दिया था, जबकि कुलाधिपति ने स्पष्ट आदेश दिया था कि समारोह तय तिथि पर आयोजित हो। कुलपति ने इस आदेश का पालन नहीं किया। इसे गंभीर लापरवाही मानते हुए उन्हें तत्काल हटा दिया गया।
गौरतलब है कि प्रो. चटर्जी को अप्रैल 2024 में राज्यपाल ने राज्य सरकार की सूची से चयन कर कार्यवाहक कुलपति नियुक्त किया था। गौर बंग विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह वर्ष 2017 से ही राज्य सरकार और राजभवन के बीच खींचतान के कारण स्थगित होता आ रहा है।