नई दिल्ली, 26 अगस्त। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने मंगलवार को संसद भवन में श्रीलंका से आए संसदीय प्रतिनिधिमंडल को संबोधित किया। सांसद अनुराग ठाकुर ने भारतीय राजनीति में संसद की भूमिका, भारतीय लोकतंत्र व संविधान, चुनावी प्रक्रिया, संसदीय समितियों को लेकर श्रीलंकाई सांसदों के प्रश्नों का उत्तर दिया व भारत में लोकतंत्र व संविधान की गहनता व विशालता पर अपने विचार रखे।

अनुराग ठाकुर ने इस बैठक के दौरान श्रीलंका से आए सभी सांसदों का पारंपरिक हिमाचली रीति से हिमाचली टोपी पहना कर उनका स्वागत किया व सभी सांसदों को भविष्य में देवभूमि आने का निमंत्रण दिया।

इस मौके पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच मज़बूत द्विपक्षीय संबंध सदियों पुराने हैं और हमें समृद्ध संस्कृति और जीवंत लोकतंत्र की भूमि भारत में आपका स्वागत करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। भारत और श्रीलंका दो राष्ट्र नहीं बल्कि दो भाई हैं जिनकी विरासत समान है तथा जो प्राचीन काल से सांस्कृतिक और भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यता होने के नाते, हमें इस बात पर गर्व है कि लोकतंत्र हमारे लिए नया नहीं है। यह महात्मा बुद्ध के समय से सदियों से हमारी परंपराओं में रचा-बसा है। उनकी शिक्षाओं में विचार-विमर्श, परामर्श, आम सहमति बनाना और व्यक्तिगत राय के प्रति सम्मान जैसे लोकतांत्रिक मूल्य समाहित हैं ।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत और श्रीलंका क्रमशः 1947 और 1948 में आज़ाद हुए। भारत ने अपनी स्वतंत्रता के 78 वर्ष पूरे कर लिए हैं और यही स्थिति श्रीलंका की भी है।

हमारा संविधान, संसदीय लोकतंत्र और मौलिक अधिकार मुफ़्त उपहार नहीं हैं। हमने इन्हें महान बलिदानों के माध्यम से अर्जित किया है। हमने वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है और हम तेज़ी से प्रगति कर रहे हैं। भारत में लोकतंत्र व संविधान की जड़ें काफ़ी गहरी हैं और 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद की सीढ़ियों पर शीश नवा कर संविधान को प्रणाम करते हुए राष्ट्रनवनिर्माण के अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़े। आज हम दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और अगले कुछ वर्षों में हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।

उन्होंने कहा कि यह भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था की खूबसूरती और ताकत है, जहां लोगों ने भारत में बदलाव लाने के लिए एक साधारण पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति नरेन्द्र मोदी को तीन बार प्रचंड जनादेश दिया। हमारी हार्दिक इच्छा है कि श्रीलंका भी विकास के पथ पर अग्रसर हो और एक पूर्ण विकसित राष्ट्र बने।

भारत हर कदम पर श्रीलंका का समर्थन करने और आपके साथ सहयोग करने के लिए तैयार है।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि संसदीय समितियों के सदस्य दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर राष्ट्रहित में सर्वसम्मति से निर्णय लेते हैं। एक बड़े रिफॉर्म के रूप में भारत वन नेशन वन इलेक्शन की ओर आगे बढ़ रहा है। लोकसभा चुनाव हर पांच साल में होते हैं, लेकिन इसके अतिरिक्त विभिन्न राज्यों में विधानसभा और नगर निगम चुनावों के आयोजन में राजनीतिक दलों, नेताओं, नौकरशाहों, शिक्षकों, कर्मचारियों और चुनाव आयोग को अत्यधिक समय और प्रयास लगाना पड़ता है। इससे न केवल संसाधनों की खपत होती है बल्कि अनावश्यक खर्च भी बढ़ता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक संसद में पेश किया है ताकि पूरे देश में विभिन्न चुनावों की कार्य प्रक्रिया को एक साथ संचालित एवं समन्वित किया जा सके।