रांची, 26 अगस्त । झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में मंगलवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के भारी हंगामे के कारण कार्यवाही कई बार बाधित हुई।

सुबह 11.08 बजे कार्यवाही शुरू होते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के सदस्य नारेबाजी करने लगे। विपक्षी विधायक पोस्टर लेकर आसन के समीप पहुंच गए, जबकि सत्ता पक्ष के विधायक भी उनके साथ नारे लगाने लगे। इस बीच मार्शलों ने विपक्ष के सदस्यों से पोस्टर ले लिए। लगातार हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 11.15 बजे ही स्थगित करनी पड़ी।

दोपहर 12 बजे कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी शोर-शराबा जारी रहा। कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने भाजपा पर “तीसरे दरवाजे से सत्ता पर काबिज होने” का आरोप लगाया और केंद्र सरकार से एसआईआर वापस लेने की मांग की। इधर, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने आदिवासियों की खतियानी जमीन छीने जाने और सूर्या हांसदा फर्जी एनकाउंटर की जांच सीबीआई से कराने की मांग रखी।

इस पर संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि सरकार लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और भोजनावकाश के बाद सदन के नेता के साथ चर्चा कर समाधान की दिशा में प्रयास किया जाएगा।

हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो ने शून्यकाल की सभी सूचनाओं को पढ़ा हुआ मानते हुए संबंधित विभागों को भेजने का निर्देश दिया और कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।