कोलकाता, 24 अगस्त। पश्चिम बंगाल भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष इन दिनों पार्टी में अपनी भूमिका को लेकर चर्चा में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया कोलकाता यात्रा के दौरान उन्हें प्रमुख कार्यक्रमों से दूर रखा गया, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं। बावजूद इसके, घोष ने न सिर्फ भाजपा के पक्ष में बल्कि राज्य सरकार के खिलाफ भी लगातार आक्रामक रुख बनाए रखा है।

रविवार सुबह न्यूटाउन ईको पार्क में प्रातःभ्रमण के दौरान दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। तृणमूल की स्थापना दिवस पर परीक्षा रद्द करने के निर्णय पर भी उन्होंने राज्य सरकार की आलोचना की और शिक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करते हुए कटोवा के मन्तेश्वर की एक घटना का हवाला दिया है।

इसके अलावा घोष ने बंगाल में एसआईआर का समर्थन करते हुए बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। केवल नौ दिन शेष हैं और अब तक सिर्फ माकपा की ओर से नौ आपत्तियां दर्ज की गई हैं। जल्दी ही बंगाल में इसकी शुरुआत होगी ।

हालांकि, इन बयानों के बीच भाजपा में उनकी स्थिति को लेकर अटकलें भी तेज हैं। लंबे समय से उन्हें बड़े मंचों से दूर रखा जा रहा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए घोष ने कहा कि दिलीप घोष ने कभी अभिमान नहीं किया। बचपन से आज तक सिर्फ काम किया है और आगे भी जनता के लिए काम करता रहूंगा।

दिलीप घोष पार्टी में अपनी सक्रियता बनाए रखने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, जबकि उनकी उपेक्षा को लेकर भाजपा के भीतर खींचतान और असंतोष की चर्चाएं तेज होती जा रही हैं।