गांधीनगर, 24 अगस्त । भारत–पाकिस्तान सीमा स्थित कच्छ के संवेदनशील कोरी क्रीक क्षेत्र में शनिवार दोपहर सीमा सुरक्षा बल ने ऑपरेशन चलाकर 15 पाकिस्तानी नागरिकों को मछली पकड़ने वाली नाव सहित पकड़ लिया। लंबे समय बाद इतनी बड़ी संख्या में पाकिस्तानी मछुआरे पकड़े गए हैं।

नाले क्षेत्र में कॉम्बिंग बढ़ाई गई

शनिवार दोपहर करीब 12 बजे कोटेश्वर के सामने कोरी क्रीक के उत्तरी छोर पर बीबी का कुआं इलाके में एक संदिग्ध नाव दिखाई दी। सीमा बल ने इस नाव को पकड़ने के लिए ऑपरेशन चलाया। नाव को घेर कर उसमें सवार पंद्रह पाकिस्तानियों को गिरफ्तार किया गया।

देर रात कोटेश्वर लाया गया

देर रात इन सभी पाकिस्तानियों को कोटेश्वर लाया गया और पूछताछ शुरू की गई। प्राथमिक दृष्टि से मछुआरे प्रतीत हो रहे इन पाकिस्तानियों की इतनी बड़ी संख्या आखिर कोरी क्रीक तक कैसे पहुंच गई, इस सवाल का जवाब अब सीमा बल समेत अन्य एजेंसियां खोजेंगी।

विभिन्न बटालियनों का संयुक्त ऑपरेशन सफल रहा

सुरक्षा एजेंसियों और बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों को चौकन्ना कर देने वाली इस घुसपैठ की जानकारी के मुताबिक, शनिवार सुबह कोरी क्रीक में एक पाकिस्तानी नाव की हलचल सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने देखी थी। इसके बाद बीएसएफ की 68 और 176 बटालियन तथा जी ब्रांच के जवानों ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन चलाया। यह पाकिस्तानी नाव लखपत से पांच किमी अंदर तक घुस आई थी। कोरी क्रीक के बीबी का कुआं इलाके के छोर से इस घुसी हुई नाव को बीएसएफ के जवानों ने पकड़ लिया और उसमें सवार पंद्रह पाकिस्तानी घुसपैठियों को गिरफ्तार कर लिया।

मछुआरे इतनी अंदर तक कैसे पहुंचे?

इस घटना के बाद बीएसएफ ने क्रीक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है। इस समय मछली पकड़ने का सीजन लगभग बंद है और समुद्र भी तूफानी हो गया है। ऐसे में समुद्री पेट्रोलिंग भी सतर्कता के साथ हो रही है। इसी तूफानी मौसम का फायदा उठाकर ये पाकिस्तानी घुसपैठिए कोरी क्रीक–देवरिया क्रीक और लखपत तक घुस आए, जिससे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है।