
खूंटी, 23 अगस्त। झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार की ओर से संथाल परगना और कोल्हान प्रमंडल के विकास पर विशेष जोर दिया जा रहा है। चिकित्सा की दृष्टि से संथाल और कोल्हान का क्षेत्र वर्षों से पीछे रहा है। यदि खूंटी में राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स-२) का निर्माण हो जाए, तो खूंटी के साथ-साथ संथाल परगना, कोल्हान प्रमंडल और राजधानी रांची के लोगों को भी विशेष लाभ होगा।
खूंटी में राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्म-2) के निर्माण का समर्थन राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों ने भी किया है। पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा और चंपाई सोरेन ने प्रस्तावित रिम्स-2 का निर्माण खूंटी में नॉलेज सिटी के लिए अधिग्रहित जमीन पर कराने की मांग की है, जिसका स्वागत खूंटी की जनता ने भी जोरदार तरिके से किया है।
राज्य सरकार की योजना रिम्स-2 का निर्माण रांची के कांके प्रखंड के नगड़ी में कराये जाने की है, लेकिन नगड़ी के किसान इसका विरोध कर रहे हैं और किसी कीमत पर जमीन देने को तैयार नहीं हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता अर्जुन मुंडा ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर कहा कि रिम्स-2 का निर्माण खूंटी में नॉलेज सिटी के लिए अधिगृहित जमीन पर कराया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता चंपाई सोरेन ने भी खूंटी में रिम्स-2 का निर्माण कराने की मांग की है।
दरअसल, नॉलेज सिटी के लिए सरकार की ओर से 204 एकड़ जमीन का अधिग्रहण भी किया जा चुका है। इसी परिसर में रिम्स-2 के निर्माण करने की योजना है। पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोारेन भी नगड़ी में किसानों की जमीन बचाने के पक्ष में खुलकर मैदान में आ गये हैं। सोरेन ने खूंटी में बताया कि किसानों के समर्थन में वे 24 अगस्त को अपने समर्थकों के साथ हल लेकर जमीन में उतरेंगे।
उल्लेखनीय है कि राची के कांके प्रखंड के नगड़ी गांव में 2600 बेड की क्षमता वाले रिम्स-2 सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के निर्माण का प्रस्ताव है। इसके लिए नगड़ी गांव में जमीन का अधिर्ग्रहण किया जाना है। एशियन डेवलपमेंट बैंक ने इसके लिए एक हजार करोड़ रुपये की सहायता दी है। शेष राशि का व्यय सरकार को करना है, पर किसान भूमि देने के लिए तैयार नहीं है।
भाजपा सहित कई अन्य राजनीतिक दल भी जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे है। ऐसे समय में राज्य के दोनोेें पूर्व मुख्यमंत्रियों की ओर से रिम्स-2 का निर्माण खूंटी में कराने की मांग किये जाने से खूंटी के लोगों में एक उम्मीद जरूर जगी है। खूंटी में नॉलेज सिटी के लिए किसानों से 204 एकड़ भूमि का अधिग्रहण राज्य सरकार की ओर से किया जा चुका है। लेकिन अब यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई है।
लोगों के लिए वरदान साबित होगा: कोचे मुंडा
खूंटी में रिम्स-2 के निर्माण के संबंध में तोरपा के पूर्व विधायक कोचे मुंडा कहते हैं कि यदि रिम्स-2 का निर्माण खूंटी में होता है, तो यह खूंटी के अलावा गुमला, सिमडेगा, पूर्व और पश्चिमी सिंहभूम सहित अन्य जिलों के लोगों के लिए वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि नगड़ी में रिम्स-2 के लिए भूमि अधिग्रहण का वहां के रैयत विरोध कर रहे हैं, तो सरकार को विवाद से बचना चाहिए और जहां अधिग्रहित भूमि है, वहां इसका निर्माण होना चाहिए।
आज तक नहीं हुआ खूंटी का विकास : अनूप
रिम्स-2 के निर्माण के संबंध में पूछे जाने पर भजपा नेता और समाजसेवी अनूप साहू ने कहा कि आज तक खूंटी का विकास नहीं हुआ। यहां न तो कोयल-कारो परियोजना बनी और न ही नॉलेज सिटी। मित्तल और जिंदल के लिए जमीन नहीं मिली। यदि यहां रिम्स खुले तो यह सौभाय की बात होगी।
कई जिलों को मिलेगा लाभ: मनोज कुमार
इस संबंध में पूर्व सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार ने कहा कि नॉलेज सिटी में रिम्स-2 बनने से खूंटी और आसपास के जिलों के गरीबों को काफी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि रांची से नॉलेज सिटी की दूरी काफी कम है और महज 20-25 मिनट में वहां पहुंचा जा सकता है। मनोज कुमार ने कहा कि सरकार को इस दिशा में गंभीरता से प्रयास करना चाहिए।
गरीबों को सबसे अधिक फायदा: काशीनाथ
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष काशीनाथ महतो कहते हैं कि खूंटी कें लोगों को अब तक समुचित चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाई है। गांव-देहात के लोग आज भी झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे हैं। रिम्स-2 का खूंटी में निर्माण होने से यहा के गरीबों को सबसे अधिक लाभ होगा।