कोलकाता, 21 अगस्त।

भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार हत्या मामले में लंबे समय से घिरे तृणमूल कांग्रेस के विधायक परेश पाल को कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल पीठ ने गुरुवार को उन्हें एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर अग्रिम जमानत दे दी।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अगर सीबीआई पूछताछ के दौरान परेश पाल या अन्य आरोपितों को गिरफ्तार करती है, तो जमानत का आदेश उसी समय से लागू हो जाएगा। हालांकि, इसके साथ कुछ कड़े निर्देश भी दिए गए हैं। पाल और अन्य आरोपित नारकेलडांगा थाना क्षेत्र के शीतला तल्ला इलाके में प्रवेश नहीं कर पाएंगे, किसी को धमकी नहीं देंगे और देश छोड़कर बाहर नहीं जा सकेंगे।

इस मामले में कोलकाता नगर निगम के मेयर परिषद सदस्य स्वप्न समाद्दार और पापिया घोष को भी हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत दी है। अदालत ने माना कि चार साल तक चली सीबीआई जांच के दौरान अभियुक्तों ने सहयोग किया है। इसी आधार पर अदालत ने सभी को अग्रिम जमानत प्रदान की।

उल्लेखनीय है कि मई 2021 में हुए विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद बंगाल में व्यापक हिंसा हुई थी। इसी दौरान बेलघरिया निवासी भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की हत्या कर दी गई थी। अभिजीत की मौत के बाद उनके परिवार ने सीधे तौर पर तृणमूल कांग्रेस विधायक परेश पाल पर गंभीर आरोप लगाए थे। परिवार का दावा था कि अभिजीत की हत्या पाल के संरक्षण से कराई गई।

परिवार की शिकायत के आधार पर मामला सीबीआई को सौंपा गया। जांच के दौरान एजेंसी ने तृणमूल के मेयर परिषद सदस्य स्वप्न समाद्दार और पापिया घोष के साथ-साथ विधायक परेश पाल का नाम भी चार्जशीट में शामिल किया। सीबीआई ने यह चार्जशीट चार साल बाद दाखिल की। हालांकि, इस दौरान विधायक ने कई बार सीबीआई की समन का पालन नहीं किया और पूछताछ से बचते रहे। इसके चलते अदालत ने भी एक अवसर पर उन्हें फटकार लगाई थी।