कोलकाता, 20 अगस्त। भाजपा के आईटी सेल प्रमुख और पश्चिम बंगाल के केंद्रीय पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने बुधवार को राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर केंद्रीय परियोजनाओं में लगातार विलंब कराने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेसवे परियोजना अब भी डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के स्तर पर अटकी हुई है और इसका मुख्य कारण राज्य सरकार की टालमटोल की नीति है।

अमित मालवीय ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के उस जवाब को साझा किया, जो भाजपा के राज्यसभा सांसद शमिक भट्टाचार्य द्वारा पूछे गए प्रश्न पर दिया गया था। राज्यसभा में भाजपा सांसद शमिक भट्टाचार्य ने वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेसवे की प्रगति पर सवाल पूछा था। इसके जवाब में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी दी थी इसके लिए ममता सरकार जिम्मेदार है।

मालवीय ने कहा है कि वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेसवे की प्रगति उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में काफी आगे बढ़ चुकी है, लेकिन पश्चिम बंगाल में यह अब भी डीपीआर चरण में है। ममता बनर्जी राज्य के विकास में सबसे बड़ी बाधा हैं। जब तक वे सत्ता में हैं, बंगाल पिछड़ता रहेगा। 2026 से हालात बदलना शुरू होगा।

भाजपा नेता ने बताया कि केंद्र सरकार पुरुलिया, बांकुड़ा और हुगली जिलों में भूमि अधिग्रहण की अधिसूचनाएं पूरी कर चुकी है, लेकिन राज्य सरकार के द्वारा बार-बार एलाइनमेंट बदलने के कारण कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा है।

मालवीय के अनुसार, यह एक्सप्रेसवे बनने के बाद “कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास का गेम-चेंजर” साबित होगा। यह न केवल बंगाल को सीधे उत्तर प्रदेश और बिहार से जोड़ेगा बल्कि व्यापार, पर्यटन और रोजगार के अवसर को भी बढ़ाएगा।

उन्होंने ममता बनर्जी सरकार से अपील की कि वह केंद्रीय परियोजनाओं में बाधा डालना बंद करे और विकास कार्यो में सहयोग दे।

मालवीय ने कहा है कि दुर्भाग्य से राज्य सरकार की देरी के कारण बंगाल पीछे छूटने का खतरा झेल रहा है। बंगाल को भी अन्य राज्यों की तरह समान विकास की गति मिलनी चाहिए।