
सिलीगुड़ी, 19 अगस्त । राजगंज के संन्यासीकाटा ग्राम पंचायत के चेकरमारी गांव समेत आठ और गांव इस समय हेपेटाइटिस और लेप्टोस्पाइरा बीमारी की चपेट में है।
स्थानीय लोगों का दावा है कि संक्रमित लोगों की संख्या 150 को पार कर चुकी है। कथित तौर पर स्थानीय लोगों का आरोप है कि संन्यासीकाटा ग्राम पंचायत के चेकरमारी गांव में एक मुर्गी पालन केंद्र है। वहां से गांव में यह रोग फैला है।
राजगंज ग्रामीण अस्पताल में पीलिया के लक्षणों वाले मरीजों की लंबी कतार बढ़ती जा रही है। राजगंज के संन्यासीकाटा ग्राम पंचायत के चेकरमारी गांव समेत कुल आठ गांव में पीलिया और लेप्टोस्पाइरा के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। कुछ लोग फिर से स्क्रब टाइफस से संक्रमित हो गए है।
लेप्टोस्पाइरा क्या है?
विशेषज्ञों का कहना है कि यह मूल रूप से चूहों से फैलने वाली बीमारी है। इस बीमारी से संक्रमित लोगों की ज्यादा रिपोर्ट नहीं मिलती है। हाल ही में स्वास्थ्य विभाग ने राजगंज के चेकरमारी गांव में एक साथ लगभग 15 लेप्टोस्पाइरा रोगियों का पता चलने पर कई कदम उठाए है। मंगलवार सुबह से राजगंज ग्रामीण अस्पताल में पीलिया के लक्षणों के साथ कई लोग आ रहे है। पता चला है कि जिन लोगों के रक्त के नमूने लिए गए थे, उनमें और भी नए मरीज पाए गए है।
राजगंज प्रखंड स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राहुल रॉय ने बताया कि गांव में स्क्रीनिंग कैंप चल रहे है।
पीलिया से पीड़ित पुराने मरीजों के अलावा मंगलवार को राजगंज ग्रामीण अस्पताल में कई और मरीज भर्ती हुए है। इनमें से ज्यादातर युवा है। गर्भवती महिलाओं को भी इसी लक्षण के साथ भर्ती कराया गया है। फिलहाल, अस्पताल में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है। स्थिति को संभालने के लिए 10 और बेड जोड़े गए है। वहीं, 148 लोगों के रक्त के नमूने पहले ही एकत्र किए जा चुके है।
उल्लेखनीय है कि मई में उत्तर बंगाल में एक अज्ञात बुखार के कारण दहशत फैल गई थी। दिनहाटा के सिताई प्रखंड में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत से ज़िला स्वास्थ्य विभाग सकते में थे। कूचबिहार एमजेएन मेडिकल कॉलेज में एक आइसोलेशन वार्ड खोला गया है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के तीन सदस्य गुरुवार को आइसोलेशन वार्ड की बुनियादी सुविधाओं का मुआयना करने गए थे।
इस संबंध में, कूचबिहार एमजेएन अस्पताल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य निर्मल कुमार मंडल ने बताया, सिताई में हुई मौत की घटना में मृतकों के घरों से नमूने एकत्र किए गए है। मेडिकल कॉलेज में एक विशेष आइसोलेशन वार्ड खोला गया है।