
कोलकाता, 18 अगस्त । जादवपुर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और स्पेन की एक यूनिवर्सिटी में शोधकर्ता हिंदोल मजूमदार को सोमवार को अलीपुर अदालत में पेश किया गया। उनकी पुलिस हिरासत की अवधि समाप्त हो गई थी। मजूमदार पर मार्च में राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु के काफिले पर हमले की साजिश रचने का आरोप है। उन्हें पिछले बुधवार को दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था, जब वे यूरोप से लौटे थे।
सरकारी वकील ने अदालत में दलील दी थी कि भले ही घटना के समय मजूमदार स्पेन में थे, लेकिन वे हमले के मुख्य साजिशकर्ता हैं। उनका नाम एफआईआर में नहीं है, फिर भी अदालत ने उन्हें एक अलग मामले में पुलिस हिरासत में भेजा था। वकील ने कहा कि पुलिस अब न्यायिक हिरासत की मांग कर सकती है, क्योंकि आगे पूछताछ की जरूरत नहीं बताई जा रही। उन्होंने इसे साजिश बताते हुए जमानत की अर्जी दायर करने की घोषणा की।
कोलकाता पुलिस का दावा है कि उनके पास मजूमदार और उन छात्रों के बीच बातचीत के सबूत हैं, जिन्होंने मंत्री के वाहन को घेरा और हमला किया था। सरकारी वकील ने अदालत में तर्क दिया कि मजूमदार की भूमिका की तुलना 2002 में कोलकाता अमेरिकी केंद्र पर हुए हमले के मास्टरमाइंड अफ़ताब अंसारी से की जा सकती है, जिसने दुबई में बैठकर साजिश रची थी।
इस गिरफ्तारी के विरोध में सोमवार दोपहर जादवपुर विश्वविद्यालय के वर्तमान और पूर्व छात्र, शिक्षक, शोधार्थी और गैर-शैक्षणिक कर्मचारी सड़कों पर उतरे। उन्होंने मुख्य परिसर से जुलूस निकालकर जादवपुर थाने तक मार्च किया और मजूमदार की तुरंत और बिना शर्त रिहाई की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने उन्हें ‘जन आंदोलन का कार्यकर्ता’ बताया।
पूर्व शिक्षक अंबिकेश महापात्र ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार बंगाल को पुलिस राज में बदलने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि यह गिरफ्तारी मज़ाक है। पुलिस स्वतंत्र विचार रखने वाले लोगों को निशाना बना रही है।
दरअसल एक मार्च को शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु विश्वविद्यालय परिसर में तृणमूल समर्थित शिक्षकों के संगठन की बैठक में शामिल होने पहुंचे थे। उस समय वामपंथी छात्र संगठनों, जिनमें एसएफआई भी शामिल थी, ने छात्र संघ चुनाव कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।
बसु ने आरोप लगाया कि उन्हें शारीरिक रूप से घेरा गया और उनकी गाड़ी को नुकसान पहुंचाया गया। वहीं छात्रों का कहना है कि मंत्री की गाड़ी से टकराकर एक छात्र घायल हुआ, जिसकी आंख में चोट आई।