रांची, 17 अगस्त । झारखंड की राजधानी रांची में ऑल चर्चेस कमिटी की ओर से छत्तीसगढ़ में दो धर्म बहनों के साथ घटित घटना के विरोध में रविवार को शांतिपूर्ण मौन जुलूस निकाला गया। इस जुलूस में राज्य की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की भी शामिल हुईं ।

कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ईसाई धर्मावलंबी हमेशा से ही गांव – घर में अपनी सेवा देते आए हैं। इनका सामाजिक कल्याण में विश्वास इनके सेवा भाव को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के दुर्ग में बीते दिनों जिस तरह से दो धर्म बहनों को सुनियोजित साजिश के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया और जिस तरह उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, वह कहीं से भी क्षम्य नहीं है।

कृषि मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पुलिस इस पूरे मामले में मूक दर्शक की भूमिका में रही। इस घटना की जांच में दोनों ही धर्म बहनें निर्दोष पाई गई। उन्हें रिहा भी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ईसाई समुदाय के लिए सेवा ही उनका धर्म है। इस तरह से ईसाई समुदाय को निशाना बनाना कहीं से भी जायज नहीं है।

 

निर्दोष ननों की गिरफ्तारी लोकतंत्र पर हमला : आलोक

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के महासचिव आलोक कुमार दुबे ने छत्तीसगढ़ के दुर्ग में दो निर्दोष ननों की गिरफ्तारी और उनको जेल भेजे जाने की घटना को संवैधानिक अधिकारों पर सीधा हमला बताया है।

आलोक कुमार दुबे ने रविवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि ईसाई धर्मावलंबियों की पहचान हमेशा सेवा और समर्पण से रही है। जिन बहनों ने समाजसेवा में अपना जीवन लगाया, उन्हें झूठे आरोपों में फंसाकर अपमानित करना किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया कि दक्षिणपंथी ताकतों ने सुनियोजित तरीके से ईसाई समुदाय को टारगेट किया और पुलिस इस पूरे मामले में मूकदर्शक बनी रही।