
नई दिल्ली, 17 अगस्त । दिल्ली के रोहिणी में आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने करीब 11,000 करोड़ रुपये की लागत से बनी दो बड़ी राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इस मौके पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसे दिल्ली में ट्रैफिक और प्रदूषण की समस्या को कम करने में बहुत बड़ा कदम बताया।
गडकरी ने कहा कि यह दिन हमारे लिए गर्व का दिन है। जब नरेन्द्र मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बने थे तब उन्होंने मंत्रालय की पहली ही बैठक में यह स्पष्ट कर दिया था कि भारत में विश्वस्तरीय सड़कों का निर्माण होना चाहिए। उस समय दिल्ली में भारी ट्रैफिक और प्रदूषण की समस्या थी, जिसे देखते हुए सरकार ने एक रोडमैप तैयार किया। इसके पहले चरण में 65,000 करोड़ रुपये की लागत से सड़क परियोजनाएं शुरू की गईं, जिनमें से अब तक 48,000 करोड़ रुपये के काम पूरे हो चुके हैं।
गडकरी ने बताया कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाएं अनेक अड़चनों के बावजूद सफलतापूर्वक पूरी की गईं। इसके अलावा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का भी निर्माण किया गया, जिससे पहले चार घंटे में तय होने वाला सफर अब सिर्फ 45 मिनट में पूरा हो जाता है। इससे दिल्ली का ट्रैफिक डायवर्ट करने में बड़ी मदद मिली है। मुकरबा चौक से सोनीपत और गुरुग्राम से धौला कुआं तक का रास्ता अब सिग्नल फ्री हो गया है।
गडकरी ने कहा कि यह प्रोजेक्ट 2001 में दिल्ली के मास्टर प्लान में शामिल किया गया था, लेकिन पिछली सरकारों ने इस पर कोई काम नहीं किया। बाद में एनएचएआई ने दिल्ली सरकार से इस प्रोजेक्ट को अपने हाथ में लेकर काम शुरू किया। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के अनुरोध पर द्वारका एक्सप्रेसवे का काम भी केंद्र सरकार ने अपने अधीन लिया। उन्होंने बताया कि ये दोनों प्रोजेक्ट अत्याधुनिक तकनीक से बनाए गए हैं। इसमें एक रोड के नीचे दूसरी रोड बनी है और टनल में चार लेन हैं। 29 किलोमीटर की इस सड़क की यदि सिंगल लेन की लंबाई गिनी जाए तो यह 563 किलोमीटर के बराबर है। यह प्रोजेक्ट अपने आप में खास है क्योंकि इसमें टनल, ब्रिज और मल्टी-लेवल रोड शामिल हैं।