
रामगढ़, 16 अगस्त । झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, झामुमो संस्थापक और दिशोम गुरु के नाम से विख्यात स्वर्गीय शिबू सोरेन के श्राद्ध भोज में शनिवार को नेमरा गांव में ऐतिहासिक जनसमूह उमड़ा। आदिवासी समाज सहित विभिन्न राज्यों के राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक जगत की बड़ी हस्तियां उनके पैतृक गांव पहुंचीं और गुरुजी को श्रद्धांजलि अर्पित की
राजनाथ सिंह ने परिवार से मिलकर जताई संवेदना
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शनिवार दोपहर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हेलीकॉप्टर से नेमरा पहुंचे। वे सीधे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास गए और वहां पहुंचकर शिबू सोरेन की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी संवेदना प्रकट की और शोकसंतप्त परिवार को ढांढस बंधाया। इस दौरान उनके साथ रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ भी मौजूद थे।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री, राज्यपाल और बाबा रामदेव भी पहुंचे
श्रद्धांजलि देने वालों में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी शामिल रहे। उन्होंने शिबू सोरेन को श्रद्धा सुमन अर्पित किए और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को मजबूत रहने का संदेश दिया।
झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने नेमरा पहुंचकर गुरुजी को श्रद्धांजलि दी और भोज में शामिल होकर मुख्यमंत्री एवं उनके परिवार से मुलाकात की।
वहीं, योग गुरु बाबा रामदेव ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि शिबू सोरेन का जीवन संघर्ष, सादगी और समाजसेवा का प्रतीक है।
नेताओं का तांता, संवेदनाओं की बरसात
श्रद्धांजलि देने वालों में पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, सांसद पप्पू यादव, पूर्व राज्यसभा सांसद आर.के. आनंद सहित कई दिग्गज नेता शामिल हुए।
उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से मंत्रियों, सांसदों और विधायकों का तांता लगा रहा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हर आगंतुक का स्वागत किया। टोटो गाड़ियों से अतिथियों को आवास तक लाया जा रहा था, जहां मुख्यमंत्री उनसे मिलकर बाबा शिबू सोरेन का संदेश साझा कर रहे थे और संवेदनाओं को स्वीकार कर रहे थे।
हजारों आम लोगों की उपस्थिति
श्राद्ध भोज में आम नागरिकों की भीड़ ने इतिहास रच दिया। नेमरा पहुंचने के लिए लोग सुबह से ही कतारबद्ध होकर आते रहे। कई लोग घंटों जाम में फंसे रहे, लेकिन बिना श्रद्धांजलि दिए वापस नहीं लौटे। आसपास के गांवों से लोग पैदल, गाड़ियों की छतों पर और यहां तक कि जंगल के रास्तों से होकर भी पहुंचे।
आम श्रद्धालुओं के लिए बड़े पैमाने पर भोजन और पेयजल की व्यवस्था की गई थी। हजारों लोगों ने भोज ग्रहण कर गुरुजी को अंतिम जोहार कहा।
प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था
श्रद्धांजलि कार्यक्रम में झारखंड के 12 से अधिक जिलों के पुलिस अधीक्षक और उपायुक्त शामिल हुए। सुरक्षा की दृष्टि से पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। पुलिस बल के जवानों और अधिकारियों के लिए अलग से भोजन और नाश्ते का प्रबंध किया गया ताकि वे ड्यूटी पर केंद्रित रह सकें।
गुरुजी की जीवनी पर फिल्म
श्राद्ध भोज स्थल पर लगे बड़े स्क्रीनों पर शिबू सोरेन के संघर्ष और योगदान पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। इसे देखकर लोग भावुक हो उठे और गुरुजी की यादों में डूब गए।