रांची, 15 अगस्त । झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने शुक्रवार को स्वतंत्रता दिवस पर राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली। अपने उद्बोधन में उन्होंने राज्य सरकार की ओर संचालित योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया।

राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज देश और दुनिया झारखंड की ओर देख रही है। यहां अवसरों की कोई कमी नहीं है। चाहे आधारभूत संरचना में निवेश हो, ऊर्जा क्षेत्र को सशक्त बनाने की बात हो, उद्योगों में नवाचार की पहल हो, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में उन्नति हो, कृषि में नए सुधारों को लागू करने की बात हो या खेल के क्षेत्र की बात हो, हर क्षेत्र में आज नए अवसर हम सबके सामने हैं।

उन्होंने कहा कि झारखंड आज देश के साथ प्रगति के पथ पर अग्रसर है। आर्थिक वृद्धि दर और विकास के अनेक महत्वपूर्ण सूचकांकों में सुधार करते हुए झारखंड ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की है। इस प्रगति के सफर में यहां के युवाओं, किसानों, मातृशक्ति और उद्यमियों की बड़ी भूमिका रही है। किसी भी राज्य के समग्र विकास के लिए बेहतर कानून-व्यवस्था अनिवार्य है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में भाईचारा, शांति और सांप्रदायिक सौहार्द्र को बनाए रखना तथा कानून-व्यवस्था को मजबूत करना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। समाज के सहयोग से सरकार इस उद्देश्य में सफल रही है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद एवं आतंकी गतिविधियों को रोकने और उनके नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। इन प्रयासों के फलस्वरूप अब तक 197 नक्सली गिरफ्तार हुए, 17 नक्सली मारे गए और 10 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

उन्होंने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने के साथ-साथ हमारी सरकार हर नागरिक के वैधानिक अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। भू-माफियाओं, अवैध वन कटाई, अवैध खनिज उत्खनन, बिजली चोरी और संगठित अपराध के विरुद्ध कठोर कार्रवाई जारी है और भविष्य में भी जारी रहेगी।

राज्यपाल ने कहा कि मादक पदार्थों की रोकथाम और प्रभावी नियंत्रण के लिए राज्य के सरकारी कार्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों में 10 जून से 26 जून 2025 तक व्यापक राज्यव्यापी जागरुकता अभियान चलाया गया। राज्य के विभिन्न जिलों में अफीम की अवैध खेती पर कड़ा प्रहार करते हुए हमारी सरकार ने हजारों एकड़ भूमि पर लगाई गई इन फसलों को नष्ट किया है।

उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को आकार देने में किसानों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। किसान केवल अन्नदाता ही नहीं, बल्कि हमारे जीवनदाता भी हैं। उनकी उपज को उचित मूल्य दिलाने और उनकी आजीविका सुधारने के लिए हमारी सरकार बहुआयामी प्रयास कर रही है। किसान समृद्धि योजना के अंतर्गत 90 प्रतिशत अनुदान पर सौर ऊर्जा आधारित पम्पसेट वितरित किए जा रहे हैं। कृषि ऋण माफी योजना के तहत राज्य के लगभग पांच लाख किसानों का 2,300 करोड़ रुपये का ऋण माफ कर उन्हें आर्थिक राहत प्रदान की गई है। ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ के तहत हर पात्र किसान को प्रति वर्ष सीधे आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। साथ ही, किसान क्रेडिट कार्ड योजना के माध्यम से किसानों को समय पर सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। कृषि को सशक्त बनाने के लिए सिंचाई सुविधाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है।

राज्यपाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि राज्य के किसानों की आय में वृद्धि और युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से मत्स्य उत्पादन को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए राज्य, मत्स्य मित्र एवं मत्स्य बीज उत्पादकों के माध्यम से लगभग 1,275 करोड़ मत्स्य बीज के उत्पादन की ओर अग्रसर है। सरकार द्वारा इन्हें मत्स्य स्पॉन, फिश फीड तथा फ्राय कैचिंग नेट अनुदान पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि वर्ष 2024-25 में राज्य में 3.5 लाख मीट्रिक टन से अधिक मछली का उत्पादन हुआ है।

उन्होंने कहा कि राज्य में किसी भी नागरिक की मृत्यु भूख से न हो, इसके लिए हमारी सरकार सचेष्ट है। ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम’ के तहत राज्य के 2.6 करोड़ लाभुकों को मुफ्त चावल एवं गेहूं उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, ‘पीवीटीजी डाकिया योजना’ के माध्यम से राज्य के लगभग 75 हज़ार लाभुक परिवारों को 35 किलोग्राम चावल प्रति परिवार प्रति माह उनके घर तक बंद पैकेट में, निःशुल्क पहुंचाया जा रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि “सर्वे सन्तु निरामया” के सिद्धांत पर चलते हुए हमारी सरकार प्रत्येक नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। बीमारी की स्थिति में आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए “मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य योजना” के तहत लाल, पीला और हरा राशन कार्डधारी परिवारों को प्रतिवर्ष 15 लाख रुपये तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए मेडिकल शिक्षा के विस्तार के लिए पीपीपी मोड पर पूर्वी सिंहभूम, खूंटी, गिरीडीह, देवघर, जामताड़ा और धनबाद में नये मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार सुपर स्पेशियलिटी रिम्स-2 का निर्माण करा रही है, जिसके लिए लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।

उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में एक्सरे, सीटी स्कैन, एमआरआइ आदि जैसी रेडियोलॉजी सेवाओं की समान और निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए रांची के सदर अस्पताल में एक केन्द्रीय रेडियोलॉजी हब स्थापित करने की स्वीकृति दी गयी है। ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए “मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना” को अगले पांच वर्षों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जायेगा। इस योजना के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से लेकर जिला अस्पतालों तक एवं चिकित्सा महाविद्यालयों को आधुनिक बनाने का कार्य किया जायेगा, साथ ही अनुश्रवण एवं निगरानी तंत्र को सुदृढ़ किया जायेगा।

स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबंधित करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा राष्ट्र के विकास की नींव है। यह केवल व्यक्तित्व निर्माण का साधन नहीं, बल्कि जीवन की मूल चेतना का संवाहक भी है। राज्य के विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप शिक्षकों के पेशेवर विकास पर विशेष बल दिया जा रहा है। शिक्षकों की आवश्यकता का आकलन करते हुए उनके समेकित प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है और आगामी पांच वर्षों के लिए ठोस कार्य-योजना बनाई गई है।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य के प्रतिष्ठित नेतरहाट आवासीय विद्यालय की तर्ज पर पश्चिमी सिंहभूम, बोकारो और दुमका में नए आवासीय विद्यालय स्थापित करने की स्वीकृति दी गई है। उत्कृष्ट विद्यालयों की सफलता और विद्यार्थियों की आकांक्षाओं को देखते हुए 100 नए उत्कृष्ट विद्यालय प्रारंभ करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों में ड्रॉपआउट (किसी कोर्स, स्कूल, या प्रतियोगिता से बीच में ही अलग हो जाना या छोड़ देना) की समस्या रोकने के लिए साइकिल वितरण योजना संचालित की जा रही है। इस वित्तीय वर्ष में कक्षा 8 के विद्यार्थियों को साइकिल प्रदान करने का कार्य प्रारंभ किया गया है, जिससे लगभग 4 लाख विद्यार्थी लाभान्वित होंगे।