नई दिल्ली, 13 अगस्त । आयुष मंत्रालय की नवगठित परामर्श समिति की पहली बैठक 19 अगस्त को होगी। इस बैठक के माध्यम से मंत्रालय और सांसदों के बीच सार्थक संवाद का अवसर मिलेगा, जिससे आयुष क्षेत्र की प्रमुख पहलों और भावी रणनीतियों पर समीक्षा और परामर्श हो सकेगा। बैठक की अध्यक्षता आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राज्यमंत्री प्रतापराव जाधव करेंगे। यह जानकारी बुधवार को आयुष मंत्रालय ने दी।

आयुष मंत्रालय ने इस परामर्श समिति का गठन इसी साल 5 मई को किया, जो भारत की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था में आयुष प्रणालियों की बढ़ती प्रासंगिकता को मान्यता देता है।

इससे पहले आयुष मंत्रालय से संबंधित विषयों पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की परामर्श समिति के तहत विचार-विमर्श किया जाता था। आयुष के लिए स्वतंत्र परामर्श समिति का गठन एक महत्वपूर्ण संस्थागत कदम है, जो आयुष से संबंधित नीतियों और कार्यक्रमों पर केंद्रित संसदीय निगरानी और सहभागिता सुनिश्चित करेगा।

आयुष मंत्रालय के मुताबिक स्वतंत्र परामर्श समिति का गठन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों और समग्र स्वास्थ्य सेवा को सशक्त बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। प्रधानमंत्री लगातार राष्ट्रीय स्वास्थ्य ढांचे में आयुष प्रणालियों के एकीकरण और भारत के पारंपरिक ज्ञान को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के महत्व पर बल देते रहे हैं।

यह विकास आयुष मंत्री के निरंतर प्रयासों और संसदीय कार्य मंत्रालय की समन्वित कार्रवाई का परिणाम है, जिसने इस वर्ष की शुरुआत में समिति की अधिसूचना जारी की थी।