
इस्लामाबाद, 11 अगस्त । पाकिस्तान के गिलगित-बाल्तिस्तान के काराकोरम राजमार्ग (केकेएच) पर चल रहे धरने के कारण रविवार को लगातार 22वें दिन खुंजेराब दर्रे के रास्ते पाकिस्तान और चीन के बीच यात्रा और व्यापार बाधित रहा। सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच गतिरोध जारी है। नींद से जागी संघीय सरकार ने समस्या के समाधान के लिए आनन-फानन में सोमवार को बैठक आहूत की है।
डान अखबार की खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संघीय समिति का गठन किया है। समिति इस मुद्दे के समाधान के लिए आज बैठक करेगी। गिलगित-बाल्तिस्तान के मुख्यमंत्री हाजी गुलबर खान, मुख्य सचिव अबरार अहमद मिर्जा, पीपीपी अध्यक्ष अमजद हुसैन एडवोकेट, पूर्व मुख्यमंत्री और पीएमएल-एन अध्यक्ष हफीजुर रहमान को भी समिति में शामिल किया गया है। ताजिर इत्तेहाद एक्शन कमेटी के विरोध प्रदर्शन की वजह से पाकिस्तान और चीन के बीच व्यापार और यात्रा, साथ ही सोस्ट ड्राई पोर्ट पर व्यावसायिक गतिविधियां पिछले 22 दिनों से बंद हैं।
ताजिर इत्तेहाद एक्शन कमेटी आहूत विरोध प्रदर्शन को व्यापारिक संगठनों, स्थानीय सरकार, विपक्षी दलों और क्षेत्र के धार्मिक समूहों का समर्थन प्राप्त है। इस मामले को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री हाजी गुलबर खान के प्रसास से गठित एक समिति के सदस्यों ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के आयोजकों से मुलाकात की। उन्होंने मुद्दों पर चर्चा की और प्रधानमंत्री की समिति के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए सिफारिशें तैयार कीं।
प्रदर्शनकारियों ने समिति को दो सूत्री एजेंडा दिया है। उन्होंने खुंजेरब दर्रे के माध्यम से चीन से आयातित वस्तुओं पर राज्य के निवासियों को आयकर, बिक्री कर और अन्य संघीय करों से छूट और एकमुश्त माफी योजना की मांग की है। प्रदर्शनकारियों ने घोषणा की कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त नहीं करेंगे। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि ग्रेट ब्रिटेन के अधिकांश निवासी खुंजेरब दर्रे के माध्यम से पाकिस्तान और चीन के बीच सीमा पार व्यापार पर निर्भर हैं। इसलिए इन निवासियों को भी कर में छूट प्रदान की जाए।