कोलकाता, 14 जुलाई । आईआईएम कोलकाता के जोका कैंपस में युवती से कथित दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार छात्र परमानंद जैन खुद को निर्दोष साबित करने के लिए अदालत में गुहर लगाने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, इस बार आरोपित पक्ष के वकील पीड़िता के पिता के उस बयान को आधार बना रहे हैं, जिसमें उन्होंने दुष्कर्म की घटना से इनकार किया था।

शुक्रवार को जोका स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) के परिसर में एक छात्रा को नशीली चीज़ खिलाकर दुष्कर्म किए जाने का आरोप लगा था। इस मामले में संस्थान के दूसरे वर्ष के छात्र परमानंद को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि अगले ही दिन शनिवार को पीड़िता के पिता ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि उनकी बेटी के साथ कोई अत्याचार नहीं हुआ है और दुष्कर्म की घटना भी नहीं हुई।

पीड़िता के पिता ने बताया कि शुक्रवार रात 9:34 बजे उन्हें सूचना मिली कि उनकी बेटी ऑटो से गिर गई है और बेहोश हालत में अस्पताल में भर्ती है। शुरुआत में उन्हें नहीं पता था कि उनकी बेटी कहां है, लेकिन बाद में जानकारी मिली कि हरीदेवपुर थाने की पुलिस उसे अस्पताल लेकर गई है।

सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने शुक्रवार को हरिदेवपुर थाने में दुष्कर्म की शिकायत दर्ज की थी, लेकिन रविवार तक पीड़िता का मेडिकल परीक्षण नहीं हो पाया। मेडिकल और फॉरेंसिक परीक्षण पीड़िता की सहमति के बिना नहीं किया जा सकता, और पुलिस को अब तक ऐसी कोई अनुमति नहीं मिली है। जांच से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि यह परीक्षण जरूरी होता है ताकि शरीर पर किसी प्रकार की चोट या यौन उत्पीड़न के प्रमाणों की पुष्टि की जा सके।

इन्हीं दो आधारों—यानी पीड़िता के पिता के बयान और मेडिकल परीक्षण न हो पाने की स्थिति—को ध्यान में रखते हुए आरोपित के वकील अलिपुर अदालत में फिर से जमानत याचिका दायर करने की तैयारी में हैं। उनका तर्क है कि जब पीड़िता की ओर से स्पष्ट सहमति नहीं है और मेडिकल जांच नहीं हो पाई है, तो आरोपित को अनावश्यक रूप से पुलिस हिरासत में क्यों रखा जा रहा है।