बरेली, 30 जून । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु उत्तर प्रदेश के दो दिवसीय दौरे के पहले दिन सोमवार को बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के 11वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं। उन्होंने अभ्यर्थियों को मेडल दिए। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि मैं वैज्ञानिकों व शोधार्थियों के योगदान की सराहना करती हूं। संस्थान ने 135 वर्ष की अपनी यात्रा में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। प्रिवेंशन इज बेटर देन केयर कहावत पशुओं के स्वास्थ्य के लिए भी है। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम में आईवीआरआई ने कई टीके विकसित किए हैं। हम सभी जीव-जंतुओं में ईश्वर की उपस्थिति देखते हैं। मैं जिस परिवेश से आती हूं, वह प्रकृति के बहुत निकट है। सच कहें तो पशु और मानव का परिवार का रिश्ता है। जब हम छोटे थे तब पशु हम लोगों के लिए बहुत खास थे। हम लोग उनके बिना जिंदगी सोच नहीं सकते थे। आज गिद्ध विलुप्त हो गए हैं। इसमें रासायनिक दवाओं की भी एक भूमिका रही है। ऐसी दवाओं पर प्रतिबंध लगाना गिद्धों के संरक्षण में एक सराहनीय कदम है। ऐसी अन्य प्रजातियां जो विलुप्त हो रही हैं उनका संरक्षण बहुत आवश्यक है।

कहा कि इस संस्थान से जुड़े पूर्व और वर्तमान लोगों को योगदान देने लिए शुभकामनाएं देती हूं। इस संस्था के वैज्ञानिकों ने अनुसंधान किया है। पशुओं का हमारे ऋषि मुनियों के संवाद होते रहे हैं। वन्य जीव जंतु का सहअस्तित्व है। आज भले ही हम तकनीक भरे जीवन जी रहे हैं, बचपन में हमने देखा है कि हमारा जीवन बिना पशुओं के सम्भव नहीं है। बहुत सी प्रजातियां विलुप्त हैं या विलुप्त होने की कगार पर हैं। इन्हें संरक्षण की आवश्यकता है। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान से यह अपेक्षा है कि यह आदर्श प्रस्तुत करें।

राष्ट्रपति ने कहा कि मेडल प्राप्त करने वाले सभी अभ्यर्थियों को बधाई देती हूं और उनके अभिभावकों को भी मैं शुभकामनाएं देती हूं। इस क्षेत्र में बड़ी संभावनाएं हैं, आपको अपना उद्यम स्थापित करना चाहिए। इससे खुद के साथ दूसरे को भी रोजगार मिलेगा। पशुओं के लिए मेले लगने चाहिए। पशुओं के साथ हमारा जीवन अच्छा होगा। साथ ही, सभी विद्यार्थी अपने-अपने विभागों में अच्छा करते हैं, उन्हें गोल्ड मेडल और अन्य मेडल मिलते हैं। जिन्हें मेडल नहीं मिला है उनमें और मेडल मिलने वालों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं होता है। इसलिए जिन्हें मेडल नहीं मिला है उन्हें दुखी होने की जरूरत नहीं है। उन्हें भी अपने पूरे उत्साह के साथ आगे कार्य करते रहना चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महामहिमा की जानकारी में लाना चाहता हूं कि बरेली को नाथ नगरी भी कहा जाता है। यहां पांच पौराणिक महादेव के मंदिर हैं। इसे उसी दृष्टि में विकसित किया जा रहा है। इस सब के अलावा इस नगर की पहचान झुमके के रूप में भी हुई है। आज पशुधन के क्षेत्र में आईवीआरआई उत्तर प्रदेश ही नहीं उत्तर भारत में अपना बड़ा योगदान दे रहा है।

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के 11वें में दीक्षांत समारोह में बोलते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमने बहुत कुछ किया है। हमें आगे भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। उपाधि धारक विद्यार्थियों से उन्होंने अपील की की अब अपने कार्यक्षेत्र में जाने वाले हैं। अपने कीर्तिमान स्थापित करिए नए आयाम स्थापित करिए।————————