
कोलकाता, 29 जून । दक्षिण कोलकाता के एक निजी कॉलेज की छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार की घटना को लेकर पूरे राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है। इसी संवेदनशील माहौल में तृणमूल कांग्रेस ने कमरहाटी के विधायक मदन मित्रा को उनकी टिप्पणी को लेकर कारण बताओ नोटिस (शोकॉज) जारी किया है। रविवार को पार्टी के राज्य अध्यक्ष सुब्रत बक्सी ने उन्हें यह नोटिस भेजा, जिसमें तीन दिनों के भीतर लिखित रूप से जवाब देने को कहा गया है।
सूत्रों के मुताबिक, कसबा कांड पर मदन मित्रा की टिप्पणी को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। उनके बयान को पार्टी को नुक्सान पहुंचाने वाला माना गया है। इसी कारण पार्टी ने यह अनुशासनात्मक कदम उठाया है।
शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए कमरहाटी के विधायक ने कसबा की घटना पर प्रतिक्रिया दी थी, लेकिन उनका बयान काफी आपत्तिजनक और असंवेदनशील माना गया। इसके बाद सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना शुरू हो गई। उसी दिन तृणमूल कांग्रेस की ओर से एक आधिकारिक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से स्पष्ट कर दिया गया कि मदन मित्रा का बयान पार्टी की सोच के खिलाफ है और पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
पार्टी की ओर से जारी शोकॉज नोटिस में लिखा गया है कि आपकी अनावश्यक, असंवेदनशील और गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी ने पार्टी की छवि को गहरा नुकसान पहुंचाया है। यह पार्टी की सख्त नीति के विरुद्ध है और इसे अनुशासनहीनता के तौर पर देखा जा रहा है। आप तीन दिन के भीतर अपना पक्ष स्पष्ट करें।
उधर, कसबा कांड में कोलकाता पुलिस ने तेज़ी से कार्रवाई करते हुए 12 घंटे के अंदर ही चार आरोपितों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया। शुक्रवार शाम को तृणमूल कांग्रेस की ओर से इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई, जिसमें साफ कहा गया कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए।
फिलहाल चारों आरोपितों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और पुलिस ने एक विशेष जांच टीम एसआईटी का गठन किया है।